कश्मीर विवाद हजार साल पुराना, भारत-पाकिस्तान की जंग रुकवाई… कितनी बार पलटेंगे डोनाल्ड ट्रंप?

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Last Updated:May 16, 2025, 14:49 IST

Donald Trump News: डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान की मध्यस्थता कराने का दावा किया था, लेकिन अब खुद ही वह अपने बयान से पलट रहे हैं. ट्रंप ने बाद में अपने बयान को नरम करते हुए कहा कि मैंने तनाव कम करन…और पढ़ें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने भारत-पाक तनाव कम करने का दावा किया
  • भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता दावे को खारिज किया
  • भारत कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानेगा

वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने विवादित बयानों और फिर उनसे पलटने की आदत के लिए एक बार फिर चर्चा में हैं. खासकर भारत को लेकर उनके बयान और फिर उनसे पीछे हटने का सिलसिला सुर्खियों में है. कभी वह भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ाई को सैकड़ों साल पुरानी बताते हैं तो कभी कहते हैं कि उन्होंने दोनों देशों का संघर्ष रुकवा दिया. हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप ने जोर-शोर से दावे किए, लेकिन भारत ने कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद उनकी बातों का असर कम हो गया.

पिछले हफ्ते, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच अचानक सीजफायर हो गया. इसे लेकर ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच ‘ऐतिहासिक’ युद्धविराम करवाया. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा, ‘लंबी बातचीत के बाद, अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ने तत्काल और पूर्ण युद्धविराम पर सहमति जताई.’ ट्रंप ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताते हुए दावा किया कि उन्होंने व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया और कश्मीर मुद्दे पर भी मध्यस्थता की पेशकश की.

लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि युद्धविराम दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत से हुआ, जिसमें अमेरिका या व्यापार की कोई भूमिका नहीं थी. भारत पहले की तरह अब भी कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को ठुकरा रहा है. बाद में ट्रंप पलट गए. गुरुवार को कतर में अमेरिकी सैन्य कर्मियों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने अपनी बात को नरम करते हुए कहा, ‘मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने यह किया, लेकिन मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद जरूर की.’ उनकी यह टिप्पणी उनके पहले के दावों से पीछे हटने का संकेत देती है.

भारत का सख्त रुख

भारत ने हमेशा से कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा माना है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया है. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा, ‘पाकिस्तान के साथ हमारी बातचीत केवल आतंकवाद और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुद्दे पर होगी.’ इतना ही नहीं, शुक्रवार को डॉ. जयशंकर ने अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से बात की.

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