Last Updated:May 16, 2025, 13:21 IST
India Arrested In US: भारतीय मूल के बदर खान सूरी को अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने हमास से कथित संबंधों के आरोप में हिरासत में लिया था. दो महीने बाद रिहा हुए सूरी ने इसे अमानवीय बताया. जज ने उनकी रिहाई का आदेश…और पढ़ें
बदर खान सूरी. (Reuters)
हाइलाइट्स
- खान सूरी को हमास से संबंध के आरोप में हिरासत में लिया गया
- सूरी ने हिरासत को अमानवीय बताया, जज ने रिहाई का आदेश दिया
- हिरासत ने सूरी और उनके परिवार को मानसिक तनाव में डाला
वॉशिंगटन: अमेरिका में एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने अपने हिरासत के दर्दनाक अनुभव के बारे में बताया. जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के विजिटिंग स्कॉलर बदर खान सूरी को हाल ही में अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने हमास से कथित संबंधों के आरोप में हिरासत में लिया था. इस हफ्ते उनकी रिहाई हुई. इस दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने इसे अमानवीय बताया. टेक्सास के प्रेयरीलैंड डिटेंशन सेंटर से रिहा होने के बाद उन्होंने अमेरिकी मीडिया से बातचीत में अपने दर्दनाक अनुभवों का खुलासा किया. इस हिरासत ने न केवल उनकी व्यक्तिगत जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर भी सवाल उठाए.
खान सूरी को वर्जीनिया के आर्लिंगटन में उनके घर के बाहर सादे कपड़ों में आए एजेंटों ने गिरफ्तार किया था. उन्हें दो महीने तक हिरासत में रखा गया, जिस दौरान उन्हें कई डिटेंशन सेंटरों में इधर से उधर भेजा गया. उन्होंने एनबीसी न्यूज को बताया, ‘पहले सात-आठ दिनों तक मैंने अपनी परछाई भी नहीं देखा. मुझे नहीं पता था कि मुझे कहां ले जाया जा रहा है या मेरे साथ क्या हो रहा है. मेरे टखने, कलाई और पूरा शरीर जंजीरों में जकड़ा हुआ था.’
परिवार के लिए भी था कष्ट वाला समय
उन्होंने आगे कहा, ‘कोई ठोस आरोप नहीं था. मेरे साथ एक निचले स्तर के व्यक्ति की तरह व्यवहार किया गया. यह मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए बेहद कष्टदायक था.’ खान सूरी ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी चिंता उनके बच्चों की थी. उनका नौ साल का बेटा और पांच साल के जुड़वां बच्चे इस दौरान मानसिक तनाव से गुजर रहे थे. उनकी पत्नी ने बताया कि उनका बेटा लगातार रोता था और उसे काउंसलर की जरूरत पड़ी.
जमानत में बड़ा फैसला
अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया की यूएस डिस्ट्रिक्ट जज पेट्रीसिया गिल्स ने बुधवार को खान सूरी की तत्काल रिहाई का आदेश दिया. जज ने अपने फैसले में कहा कि उनकी हिरासत ने अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन किया, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. जज के इस फैसले ने न केवल खान सूरी को उनके परिवार से फिर से मिलने का मौका दिया, बल्कि यह भी पॉइंट किया कि बिना ठोस सबूतों के किसी को हिरासत में रखना गैरकानूनी है.
रिहाई के बाद खान सूरी ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के पास वापस आकर खुश हूं, लेकिन इस अनुभव ने मुझे झकझोर दिया है. मैं चाहता हूं कि कोई और इस तरह के अन्याय का शिकार न बने.’
भारत से की है पढ़ाई
बदर खान सूरी ने भारत में जामिया मिलिया इस्लामिया से पढ़ाई की है. जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के अनुसार, वह दक्षिण एशिया में बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यक अधिकार विषय पर एक कोर्स पढ़ा रहे थे. हालांकि, उनकी गिरफ्तारी के पीछे का कारण हमास से कथित संबंध बताया गया, जिसे अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें
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