DMart सबसे सस्ता सामान बेचकर भी कैसे कमा लेता है मुनाफा? आखिरकार उठ गया रहस्य से पर्दा

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Last Updated:May 15, 2025, 13:19 ISTDMart से घर का महीनेभर का सामान खरीदने पर आपके काफी पैसे बच जाते हैं. इसके पीछे DMart द्वारा दिया जाने वाला भारी डिस्काउंट है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि DMart इतने सस्ते दामों पर सामान कैसे बेच पाता है? और…और पढ़ें डीमार्ट सस्ते माल के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है. नए विकसित हो रहे शहरों से लेकर मेट्रो शहरों तक, डीमार्ट हर जगह मौजूद है. डीमार्ट की प्रतिष्ठा इतनी बढ़ चुकी है कि इसे सस्ते सामान का पर्याय माना जाता है. देश के कई मध्यमवर्गीय परिवार आज अपनी मासिक राशन की खरीदारी डीमार्ट से करते हैं. यहां तक कि नियमित पहनने के कपड़े और किचन का सामान भी लोग डीमार्ट से खरीदते हैं. आज के ऑनलाइन दौर में भी डीमार्ट कई बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को टक्कर दे रहा है. इसकी वजह साफ है– यहां सामान बेहद सस्ते दामों पर उपलब्ध होता है. एक दिलचस्प तथ्य यह है कि जिस इलाके में DMart खुलता है, वहां की जमीन की कीमतें बढ़ने लगती हैं. लोगों को लगता है कि डीमार्ट ने उस क्षेत्र में निवेश किया है, जिसका भविष्य उज्ज्वल है. DMart के पीछे का मास्टरमाइंड: डीमार्ट की सफलता के पीछे राधाकिशन दामानी का दिमाग लगा है. यह वही शख्सियत हैं, जिन्हें दिवंगत दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला अपना गुरु मानते थे. राधाकिशन दामानी देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं. उनकी संपत्ति 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि राधाकिशन दामानी ने सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई की है. फिर भी, अपनी तेज बुद्धि और व्यावसायिक समझ के बल पर आज वे अरबों की संपत्ति के मालिक हैं. कभी शेयर बाजार के धुरंधर रहे दामानी ने जब अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया तो शुरुआत में उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा. 1999 में उन्होंने नेरुल में पहली फ्रेंचाइजी ली, जो असफल रही. इसके बाद उन्होंने बोरवेल बनाने का काम शुरू किया, लेकिन यह भी नहीं चल पाया. 2002 में उन्होंने मुंबई में पहला डीमार्ट स्टोर खोला. उन्होंने तय किया कि वे किराए की जगह पर डीमार्ट स्टोर नहीं खोलेंगे. आज डीमार्ट के देशभर में 300 से अधिक स्टोर्स हैं. इसका मतलब यह है कि राधाकिशन दामानी के पास सिर्फ डीमार्ट स्टोर्स ही नहीं, बल्कि भारत में 300 बड़ी जमीनें भी हैं. ये स्टोर्स 11 राज्यों में फैले हुए हैं. जहां तक बात है सस्ता सामान बेचने की, तो वह भी राधाकिशन दामानी के निजी स्टोर्स से जुड़ी हुई है. डीमार्ट किराए की जगह पर स्टोर नहीं खोलते, जिससे उनका रनिंग कॉस्ट काफी कम हो जाता है. वे अपनी जमीन पर ही स्टोर चलाते हैं, जिससे उन्हें नियमित किराया नहीं देना पड़ता. इस बचत का फायदा वे ग्राहकों को सस्ता सामान देने में करते हैं. DMart अपना स्टॉक 30 दिनों के भीतर बेच देता है और नया माल मंगवाता है. इससे उन्हें बड़े डिस्काउंट मिलते हैं. लोगों को रिझाने के लिए डिस्काउंट से बढ़िया कोई भी चीज नहीं है. डीमार्ट उन कंपनियों को तुरंत भुगतान करता है, जिससे माल लेता है. चूंकि पैसा हाथों-हाथ मिलता है तो मैन्युफैक्चरर्स उन्हें अतिरिक्त डिस्काउंट देते हैं. यह डिस्काउंट डीमराट् ग्राहकों को पास कर देता है या अपने मुनाफे को बढ़ाने में उपयोग करता है. कुल मिलाकर जो डिस्काउंट उसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी से मिलता है, उसी को आगे पास कर देता है. वह अपनी जेब से कुछ नहीं देता, उसका मुनाफा उतना ही रहता है, जितना कि होना चाहिए. इसके अलावा, कुछ कंपनियां अपने प्रोडक्ट को अच्छा डिस्प्ले देने के लिए अतिरिक्त छूट देती हैं या फिर सीधे पेमेंट भी करती हैं. ग्राहक आमतौर पर बहुत ऊंचा रखा हुआ सामान और रैक में बहुत नीचे रखा हुआ सामान न तो देखता है और न ही खरीदता है. अपनी आंखों के सामने रखा हुआ सामान उसे ज्यादा आकर्षित करता है. तो कुल मिलाकर अपने स्टोर में मौजूद बढ़िया स्पेस बेचकर भी डीमार्ट पैसा कमाता है. DMart अपने खर्चे पर 5-7 फीसदी बचत करता है और इसे डिस्काउंट के रूप में ग्राहकों को देता है. यही वजह है कि DMart आज भी भारत की सबसे सस्ती और भरोसेमंद रिटेल चेन बनी हुई है.homebusinessDMart सबसे सस्ता माल बेचकर भी कैसे कमा लेता है मुनाफा? उठ गया रहस्य से पर्दा

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