देश भर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने तुर्की और अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान के खुले समर्थन की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय नागरिकों और व्यापारियों से इन दोनों देशों की यात्राओं का बहिष्कार करने की अपील की है। साथ ही इन देशों के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है, जिसका अंतिम निर्णय 16 मई को नई दिल्ली में होने वाले व्यापारी नेताओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया जाएगा।
जयपुर व्यपार महासंघ के अध्यक्ष एवं कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि वर्ष 2024 में तुर्की में 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से करीब तीन लाख भारतीय पर्यटक थे। भारतीय पर्यटकों के कारण तुर्की को लगभग $291.6 मिलियन का प्रत्यक्ष पर्यटन राजस्व प्राप्त हुआ। यदि बहिष्कार होता है, तो यह राशि सीधे तौर पर प्रभावित होगी।
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वहीं, अज़रबैजान में इस वर्ष कुल 2.6 मिलियन विदेशी आगमन में 2.5 लाख भारतीय पर्यटक शामिल थे। औसतन $1,276 खर्च करने वाले भारतीय पर्यटकों से अज़रबैजान को $308.6 मिलियन का प्रत्यक्ष लाभ हुआ। इस प्रकार, बहिष्कार से अज़रबैजान को भी बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है।
आर्थिक के साथ सांस्कृतिक असर भी संभव
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि इस बहिष्कार से सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि दोनों देशों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और स्थानीय व्यवसायों पर भी असर पड़ेगा। होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर और आयोजक जैसे सेक्टर बुरी तरह प्रभावित होंगे। गोयल ने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मजबूत स्थिति में है। भारत की संप्रभुता के खिलाफ किसी भी देश का समर्थन स्वीकार नहीं किया जाएगा। व्यापारी वर्ग हर प्रकार से देश के साथ खड़ा है और सरकार के निर्देश का इंतज़ार कर रहा है।
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व्यापारिक बहिष्कार पर निर्णय 16 मई को
कैट ने स्पष्ट किया है कि तुर्की और अज़रबैजान के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय 16 मई को दिल्ली में होने वाले व्यापारी नेताओं के सम्मेलन में लिया जाएगा। इस सम्मेलन में देश भर से प्रमुख व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।