भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए जयपुर के व्यापारियों ने सतर्कता के तहत एक नई पहल की शुरुआत की है। शहर के भीड़भाड़ वाले और प्रमुख बाजारों में अब आपात स्थिति के लिए सायरन लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी अप्रत्याशित हालात में लोगों को समय रहते सतर्क किया जा सके।
यह पहल पूरी तरह व्यापारियों की ओर से की जा रही है, लेकिन इसकी निगरानी जिला प्रशासन के सहयोग से की जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान माहौल को देखते हुए यह कदम समय की मांग है। इस प्रणाली के जरिए किसी भी आपातकालीन स्थिति जैसे आतंकी हमले, दंगे या अन्य आपदाओं की स्थिति में लोगों को तुरंत चेतावनी दी जा सकेगी।
शहर के चांदपोल बाजार, रामगंज बाजार, सिंधी कैंप, महेश नगर और टोंक रोड जैसे प्रमुख व भीड़भाड़ वाले इलाकों में यह सायरन सबसे पहले लगाए जाएंगे। इन बाजारों के व्यापार मंडलों ने पहले ही जिला प्रशासन से चर्चा कर इस प्रस्ताव को साझा किया है। प्रशासन ने भी इस पहल को सकारात्मक रूप से लिया है और तकनीकी सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
मामले को लेकर जिला कलेक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी से हमारी बातचीत हुई कलेक्टर का कहना है कि भारत पाकिस्तान सीमा पर तनाव की स्थिति को देखते हुए कई जनसमूह की ओर से आमजन की सुरक्षा एवं सजकता के लिए जयपुर जिले के लिए विभिन्न प्रकार के संयंत्रों एवं जनसजकता के आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराने की पेशकश की है जिस पर जिला प्रशासन मंथन कर रहा है। जिला कलेक्टर का ये भी कहना है कोविड के समय भी जयपुर जिले के विभिन्न संगठन एकीकृत होकर जनसहयोग के लिए आगे आए थे।
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हर बाजार में फिलहाल एक-एक सायरन लगाया जाएगा। यह तय किया गया है कि सायरन की इंस्टॉलेशन, रखरखाव और प्रारंभिक संचालन की जिम्मेदारी स्थानीय व्यापारी ही निभाएंगे। इसके बाद जिला प्रशासन की एक टीम इन सायरनों की मॉनिटरिंग करेगी और यह तय करेगी कि किस स्थिति में अलर्ट जारी किया जाए।
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि व्यापार संघ आगे से जिला प्रशासन के साथ मिलकर जयपुर शहर में सायरन लगाने जयपुर शहर वासियों के बीच सजकता अभियान चलाने एवं आपातकाल की स्थिति में जयपुर जिला प्रशासन के साथ हर संभव सहयोग के लिए तत्पर एवं तैयार है सुभाष गोयल का ये भी कहना है कि कोविड के समय भी जयपुर व्यापार महासंघ एवं सुभाष गोयल के माध्यम से मास्क और सेनिटाइजर बांटे गए थे।
इस तरह का अलर्ट सिस्टम जयपुर में पहली बार लागू हो रहा है। भविष्य में अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो शहर के अन्य बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर भी इसे लागू किया जा सकता है। यह पहल न सिर्फ सुरक्षा दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह प्रशासन और व्यापारियों की साझी जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। जयपुर के व्यापारियों की यह सतर्कता और प्रशासन का सहयोग एक बेहतर समन्वय का उदाहरण बन रहा है, जो आने वाले समय में अन्य शहरों के लिए भी एक मॉडल साबित हो सकता है।