नई दिल्ली. दिग्गज वैश्विक निवेशक जिम रोजर्स ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अच्छा निवेश स्थान बनने की ओर आगे बढ़ रहा है और इसकी तुलना चीन से जरूर की जाएगी. साथ ही कहा कि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन चीन से भी अच्छा हो सकता है. समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ बातचीत में जिम रोजर्स ने कहा, “मैं दशकों से निवेश की दुनिया से जुड़ा रहा हूं और अपने जीवन में पहली बार मैंने दिल्ली को इस तरह से अर्थशास्त्र को समझते देखा है.”
अमेरिकी निवेशक ने आगे कहा, “भारत फिर से उभर रहा है. मुझे लगता है कि दिल्ली के लोग समझते हैं कि क्या किया जाना चाहिए और वे सही चीजें करने की कोशिश कर रहे हैं. यह भारत और दुनिया के लिए बहुत अच्छा होगा. अगर भारत वास्तव में खुल सकता है और पूरी दुनिया के साथ व्यापार कर सकता है तो आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि भविष्य में भारत कितना आकर्षक स्थान हो सकता है.”
फिलहाल कोई निवेश नहीं
समाचार एजेंसी आईएएनएस बातचीत करते हुए रोजर्स ने कहा, “फिलहाल भारत में मेरा कोई निवेश नहीं है, लेकिन मैं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में और अधिक निवेश करना चाहता हूं.” उन्होंने यह भी कहा कि अगर बाजार नीचे चला जाता है और कुछ समय तक नीचे ही रहता है, तो मैं भारत में पैसा लगाना चाहूंगा.
आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2025 में विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इस दौरान देश की जीडीपी का आकार बढ़कर 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगा, जबकि जापान की जीडीपी का आकार 4,186.431 अरब डॉलर रह जाएगा.
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर रोजर्स ने आईएएनएस से कहा कि यह दुनिया के साथ विशेष रूप से भारत के लिए अच्छा है. भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं. देश वर्तमान में ईयू, ऑस्ट्रेलिया, ओमान, पेरू और श्रीलंका के साथ व्यापारिक समझौतों को लेकर बातचीत कर रहा है.
भारत की जीडीपी रफ्तार
FY26 (2025-26) के लिए भी भारत की GDP ग्रोथ को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने अनुमान जारी किए हैं. IMF ने इसे 6.2% बताया है, जबकि वर्ल्ड बैंक ने अपने अनुमान को घटाकर 6.3% कर दिया है. मूडीज़ ने 6.5% की दर बनाए रखी है और उम्मीद जताई है कि FY26 में महंगाई दर घटकर 4.5% रह सकती है. डेलॉइट ने भारत की ग्रोथ को 6.5-6.7% के बीच बताया है, वहीं नोमुरा ने इसे घटाकर 5.8% कर दिया है. सीआईआई ने कहा है कि भारत इस वित्त वर्ष 6.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगा. इन अनुमानों से साफ है कि भारत की विकास गति बनी रहेगी, लेकिन वैश्विक व्यापार नीति और भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव भी रहेगा.
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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