Last Updated:May 11, 2025, 16:45 ISTआईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज देने का दिग्गज अमेरिकी इन्वेस्टर जिम रोजर्स ने विरोध किया है. उन्होंने इसे आतंकवाद को वित्तपोषित करने वाला कदम बताया है.जिम रोजर्स ने कहा कि आतंकवाद को वित्तपोषित करना बेतुका है.हाइलाइट्सभारत ने IMF के फैसले का विरोध किया.जिम रोजर्स ने IMF के फैसले को बेतुका बताया.भारत ने पाकिस्तान को लोन देने पर कड़ा ऐतराज जताया.नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज देने का फैसला बहुतों को रास नहीं आ रहा है. वैश्विक निवेशक जिम रोजर्स भी आईएमएफ के इस निर्णय के खिलाफ है. उन्होने कहा कि आतंकवाद को वित्तपोषित करना बेतुका है, जिसे रोका जाना चाहिए. भारत ने भी ऐसे देश को धन मुहैया कराने का कड़ा विरोध किया, जो सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करना जारी रखता है. भारत ने चेतावनी दी है कि इस तरह के समर्थन से वैश्विक संस्थाओं की प्रतिष्ठा को खतरा है और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को कमजोर किया जा रहा है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ बातचीत में 82 वर्षीय रोजर्स ने कहा कि वह वैश्विक संगठनों द्वारा आतंकवाद को वित्तपोषित किए जाने के खिलाफ हैं. उन्होंने भारत द्वारा अपनी सीमाओं की रक्षा के प्रयासों की सराहना की. रोजर्स ने कहा, “मैं निश्चित रूप से आतंकवाद को वित्तपोषित किए जाने के खिलाफ हूं और मुझे उम्मीद है कि पूरी दुनिया भी इसके खिलाफ है. आतंकवाद को वित्तपोषित किया जाना बेतुका है. आतंकवादी बेतुके हैं.”
भारत अपनी जगह सही
अमेरिकी निवेशक ने कहा, “भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने को लेकर सही है. हर देश अपनी सीमाओं की रक्षा करने में हमेशा सही होता है, लेकिन सवाल हमेशा यह होता है कि वास्तव में सीमाओं की रक्षा कौन कर रहा है और कौन हमला कर रहा है.” उन्होंने कहा, “भारत दुनिया के महान देशों में से एक है.”
भारत ने जताया था कड़ा ऐतराज
भारत ने पाकिस्तान को आईएमएफ से और अधिक वित्तीय सहायता का कड़ा विरोध किया. आईएमएफ के फैसले के बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सीमा पार आतंकवाद के निरंतर प्रायोजन को पुरस्कृत करना एक खतरनाक संदेश देता है.” मंत्रालय ने कहा, “यह फंडिंग एजेंसियों की प्रतिष्ठा के जोखिम में डालता है और वैश्विक मूल्यों को कमजोर करता है.” भारत ने पाकिस्तान को लोन दिए जाने की पर अपनी असहमति जताते हुए खुद को वोटिंग से अलग कर लिया था.
35 वर्षों में 28 बार मिली सहायता
भारत ने आईएमएफ की मौजूदा सहायता की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया और कहा कि पाकिस्तान को पिछले 35 वर्षों में से 28 वर्षों में सहायता मिली है. इनमें पिछले पांच साल में चार कार्यक्रम शामिल हैं, जिनमें सार्थक या स्थायी सुधार नहीं हुआ है.
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