12 सरकारी बैंकों की तगड़ी कमाई, 1.78 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर मुनाफा

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नई दिल्ली. भारत में सरकारी बैंकों का मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का नेट प्रॉफिट 26 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष 2023-24 में सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा था. वित्त वर्ष 2024-25 में सभी सरकारी बैंक का कुल लाभ लगभग 37,100 करोड़ रुपये बढ़ा. शेयर बाजारों पर प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्जित 1,78,364 करोड़ रुपये के कुल लाभ में सबसे आगे भारतीय स्टेट बैंक रहा, जिसने अकेले कुल कमाई में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया.

एसबीआई का मुनाफा पिछले वित्त वर्ष में 70,901 करोड़ रुपये का रहा, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 61,077 करोड़ रुपये की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है. प्रतिशत के लिहाज से, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सर्वाधिक 102 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 16,630 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिसके बाद पंजाब एंड सिंध बैंक का शुद्ध लाभ 71 प्रतिशत बढ़कर 1,016 करोड़ रुपये हो गया.

अन्य बैंकों का मुनाफा भी जबरदस्त

वर्ष 2024-25 के दौरान, सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का लाभ बढ़ा है. जिन बैंकों के शुद्ध लाभ में 40 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, उनमें सेंट्रल बैंक इंडिया का शुद्ध लाभ 48.4 प्रतिशत बढ़कर 3,785 करोड़ रुपये हो गया, जबकि यूको बैंक का शुद्ध लाभ 47.8 प्रतिशत बढ़कर 2,445 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ 45.9 प्रतिशत बढ़कर 9,219 करोड़ रुपये हो गया.

पिछले वित्त वर्ष में पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शुद्ध लाभ 36.1 प्रतिशत बढ़कर 5,520 करोड़ रुपये हो गया, जिसके बाद चेन्नई स्थित इंडियन बैंक का शुद्ध लाभ 35.4 प्रतिशत बढ़कर 10,918 करोड़ रुपये हो गया. पीएसबी ने वित्त वर्ष 2017-18 में 85,390 रुपये के रिकॉर्ड घाटे से उबरकर वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड लाभ कमाया है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकिंग उद्योग की इस क्रांतिकारी बदलाव की कहानी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई पहल और सुधारों को दिया जा सकता है, साथ ही पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, उनकी उत्तराधिकारी निर्मला सीतारमण और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और उनके उत्तराधिकारियों को भी इसका श्रेय दिया जा सकता है.

सरकार ने एक व्यापक ‘4आर’ रणनीति लागू की है. इसके तहत फंजे कर्ज (एनपीए) की पारदर्शी पहचान, समाधान और वसूली, पीएसबी का पुनर्पूंजीकरण, तथा वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार हैं. रणनीति के तहत सरकार ने पिछले पांच वित्त वर्षों – 2016-17 से 2020-21 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए अभूतपूर्व रूप से 3,10,997 करोड़ रुपये डाले. पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम ने पीएसबी को बहुत ज़रूरी सहायता प्रदान की और उनकी ओर से किसी भी तरह की चूक की संभावना को रोका.

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