कल रात राज्यभर में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा और नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से ब्लैक आउट और एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास रक्षा और नागरिक प्रशासन के संयुक्त प्रयास से किया गया, जिसमें कई बड़े शहरों को शामिल किया गया।
ब्लैक आउट ड्रिल के तहत सबसे पहले शाम 7:30 से 7:45 बजे तक अजमेर, बारां, डीडवाना और ब्यावर में बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। इस दौरान लोगों से अपील की गई थी कि वे घरों, दुकानों और कार्यालयों की लाइटें बंद रखें। लोगों ने इसका समर्थन करते हुए हेडलाइट बंद कर सड़कों पर गाड़ियां रोक दीं। हालांकि कुछ जगहों पर लाइटें बंद नहीं की गईं, जिससे पूरी तरह अंधेरा नहीं हो पाया।
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उत्तर-पश्चिम रेलवे के स्टेशनों पर भी ब्लैक आउट का असर देखा गया। स्टेशनों पर मौजूद ट्रेनों को 15 मिनट तक वहीं रोके रखा गया और वे निर्धारित समय से आगे के लिए रवाना नहीं की गईं। वहीं जयपुर एयरपोर्ट पर भी रात 8:30 से 8:45 तक फ्लाइट संचालन अस्थायी रूप से रोका गया। इस दौरान तीन फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से होल्ड पर रखा गया, हालांकि किसी भी फ्लाइट की लैंडिंग प्रभावित नहीं हुई।
ब्लैक आउट ड्रिल के साथ-साथ राज्य के विभिन्न शहरों में एयर स्ट्राइक मॉक ड्रिल भी की गई। जयपुर, अजमेर, कोटा, सीकर, अलवर, बाड़मेर और जैसलमेर में सायरन बजाकर लोगों को हवाई हमले की चेतावनी दी गई। जयपुर के एमआई रोड स्थित बीएसएनएल कार्यालय में मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास किया गया।
पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर में ड्रिल के चलते बाजार बंद कराए गए और पुलिस ने लोगों से सहयोग की अपील की। जैसलमेर में सोनार किले के पास स्थित एक होटल में मॉक ड्रिल की गई, जहां सायरन बजाकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आगाह किया गया।
इस ब्लैक आउट और मॉक ड्रिल का आयोजन न सिर्फ नागरिकों को सतर्क करने का प्रयास था, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की भी गंभीर जांच थी। प्रशासन की ओर से इसे भविष्य की किसी भी आपात स्थिति से निपटने की दिशा में एक अहम कदम बताया गया है।