नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार को जिस मजबूती से ट्रेडिंग की, उसने यह साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद निवेशकों ने हालात को कंट्रोल में माना है. सीमा पार आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई को पहले से अपेक्षित बदले के रूप में देखा गया, इसलिए यह न तो बाजार को चौंका सकी और न ही घबराहट पैदा कर पाई. उल्टा, बाजार ने UK के साथ हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को पॉजिटिव संकेत माना और टेक्सटाइल, ऑटो और केमिकल्स जैसे सेक्टर्स में जोरदार खरीदारी देखने को मिली. आज सेंसेक्स 105 अंक बढ़कर 80,746 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 34 अंकों की बढ़त के साथ 24,414 के स्तर पर कारोबार रोका.
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात यह रही कि ऑपरेशन के बाद भारत ने जिस तरह का डिप्लोमैटिक मैसेज दिया, उससे यह भरोसा बना कि देश तनाव बढ़ाना नहीं चाहता. यही वजह रही कि ज्यादातर फंड मैनेजर इस बात पर सहमत दिखे कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से कोई बड़ा जवाबी हमला नहीं होता, बाजार आगे की ग्रोथ स्टोरी पर ही ध्यान देगा.
पिछले अनुभवों पर नजर डालें तो Kargil, Uri और Balakot जैसी घटनाओं के बाद भी बाजार में शुरुआत में हल्की गिरावट जरूर आई, लेकिन जल्द ही रफ्तार लौट आई. Kotak AMC के Nilesh Shah के मुताबिक, “अगर हालात कंट्रोल में रहते हैं, तो इतिहास बताता है कि बाजार जल्द ही शोर से ऊपर उठ जाता है.” Kargil वॉर के दौरान जहां Nifty में 8.3% की गिरावट आई थी, वहीं उसी दौरान उसमें 36.6% की रिकवरी भी हुई.
इस बार बाजार की नजर सिर्फ सीमापार तनाव पर नहीं, बल्कि UK के साथ हुई ट्रेड डील और संभावित US व EU डील्स पर भी है. टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और केमिकल्स जैसे सेक्टर्स को लेकर उम्मीदें काफी मजबूत हो रही हैं. Shah के अनुसार, “US-China ट्रेड वॉर की वजह से भारत की मैन्युफैक्चरिंग में हिस्सेदारी बढ़ने की संभावनाएं पहले से ज्यादा हैं.” इधर, चौथी तिमाही के रिजल्ट्स भी उम्मीद से बेहतर आ रहे हैं. Paytm, BSE और Aarti Drugs जैसे शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली. टेक्सटाइल कंपनियों—Gokaldas, Welspun, KPR Mills और Indo Count—के शेयरों में 9-12% तक की बढ़त दर्ज की गई.
हालांकि डिफेंस सेक्टर में शुरुआती तेजी के बाद मुनाफावसूली हुई और Mazagon Dock, Bharat Dynamics जैसे शेयरों में गिरावट आई. इससे यह भी साफ हुआ कि निवेशक अब सिर्फ थीम पर नहीं, ग्रोथ और वैल्यूएशन पर भी ध्यान दे रहे हैं. सबसे अहम बात यह है कि FII फ्लो दोबारा लौट रहा है. मई में अब तक ₹44,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश आ चुका है. जब तक कोई बड़ी वैश्विक घटना नहीं होती, बाजार की नजर अब अर्निंग्स, पॉलिसी सपोर्ट और ट्रेड ग्रोथ पर टिकी रहेगी.
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