पाकिस्‍तान का पानी रोककर भारत बना रहा 5 प्रोजेक्‍ट, क्‍या है इसकी खासियत

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Last Updated:May 06, 2025, 17:32 ISTJ&L Hydroproject : पाकिस्‍तान ने भारत पर आतंकी हमला किया तो पलटवार में सरकार ने उसका पानी रोक दिया. अब इस पानी का इस्‍तेमाल भारत अपने हाइड्रोप्रोजेक्‍ट को पूरा करने में कर रहा है. सरकार का प्‍लान है कि 3 साल मे…और पढ़ेंभारत सरकार चिनाब और झेलम पर 5 पॉवर प्रोजेक्‍ट बना रहा है. हाइलाइट्सभारत ने पाकिस्‍तान का पानी रोककर 5 हाइड्रोप्रोजेक्‍ट शुरू किए.झेलम और चिनाब नदियों का पानी रोककर प्रोजेक्‍ट तेज किए जा रहे हैं.पाकल डल और कीरू प्रोजेक्‍ट की कुल क्षमता 1,624 मेगावॉट होगी.नई दिल्‍ली. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्‍तान का तनाव अपने चरम पर है. भारत सरकार ने पलटवार करते हुए पाकिस्‍तान के साथ करीब 60 साल पुरानी सिंधु जल संधि भी कैंसिल कर दी है. इस कदम को आगे बढ़ाते हुए झेलम और चिनाब जैसी नदियों का पानी भी रोक दिया है. भारत सरकार ने इन नदियों का पानी रोककर अपने 5 प्रोजेक्‍ट पूरे करने पर जोर देना शुरू भी कर दिया है. इसमें से 3 प्रोजेक्‍ट तो पहले से ही चल रहे हैं, जबकि 2 और प्‍लांट को कमीशन करने की तैयारी है.

जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार 5 हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्‍ट के कामकाज को तेजी से पूरा करने का लक्ष्‍य बनाकर चल रही है. झेलम और चिनाब नदियों का जल प्रवाह रोककर सरकार इस प्रोजेक्‍ट का काम तेज करने की तैयारी में है. इसमें से 3 प्रोजेक्‍ट पहले से चल रहे हैं, जबकि चिनाब नदी पर पाकल डल और कीरू प्रोजेक्‍ट को भी जल्‍द ही कमीशन किया जाएगा. इस बारे में ऊर्जा मंत्रालय ने कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है.

कितनी क्षमता के होंगे दोनों प्‍लांटऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल का कहना है कि पाकल डल और कीरू प्रोजेक्‍ट को देरी से बचाने के लिए सभी कोशिशें की जाएंगी. हम इस प्रोजेक्‍ट को जल्‍दी पूरा करना चाहते हैं और किसी भी तरह की देरी से बचना चाहते हैं. दोनों प्रोजेक्‍ट की कुल क्षमता 1,624 मेगावॉट होगी. इसमें से पाकल डल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्‍लांट की क्षमता 1,000 मेगावॉट होगी, जो किश्‍तवाड़ में चिनाब की सहायक नदी मारुसुदर पर बनाया जा रहा है. कीरू प्रोजेक्‍ट की क्षमता 624 मेगावॉट की है.

3 साल में 5 हाइड्रोप्रोजेक्‍टपाकल डल प्रोजेक्‍ट जेएंडके और लद्दाख में बना सबसे बड़ा हाइड्रोप्रोजेक्‍ट होगा. अभी बगलिहार में सबसे ज्‍यादा प्रोजेक्‍ट है, जो 900 मेगावॉट का है. सरकार ने वित्‍तवर्ष 2026-27 के दूसरी तिमाही तक पाकल डल और कीरू प्रोजेक्‍ट को कमीशन करने की तैयारी में है. इसके बाद परनाई और क्‍वार प्रोजेक्‍ट को भी वित्‍तवर्ष 2028 की तीसरी तिमाही तक कमीशन करने की तैयारी है. इसका मतलब है कि 3 साल में 5 प्रोजेक्‍ट को पूा किया जाएगा. इसमें सबसे छोटा परनाई है, जिसकी क्षमता सिर्फ 38 मेगावॉट की है. यह प्रोजेक्‍ट झेलम की सहायक नदी सूरन पर बन रहा है. रेतल प्रोजेक्‍ट को भी नवंबर, 2028 तक पूरा करने की तैयारी है.

किस प्रोजेक्‍ट का कितना काम पूरासभी प्रोजेक्‍ट के मौजूदा हालात को देखा जाए तो पाकल डल प्रोजेक्‍ट का काम सबसे ज्‍यादा पूरा हो चुका है. इस हाइड्रोप्रोजेक्‍ट का काम अभी तक 65 फीसदी पूरा किया जा चुका है. इसके बाद परनाई प्रोजेक्‍ट का नंबर आता है, जिसका काम 63 फीसदी तक पूरा हो चुका है. कीरू प्रोजेक्‍ट का काम भी 52 फीसदी से ज्‍यादा पूरा हो चुका है. क्‍वार प्रोजेक्‍ट 28 फीसदी तो रेतल प्रोजेक्‍ट का काम 17 फीसदी तक पूरा हो चुका है.
Location :New Delhi,Delhihomebusinessपाकिस्‍तान का पानी रोककर भारत बना रहा 5 प्रोजेक्‍ट, क्‍या है इसकी खासियत

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