नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल शनिवार को लगातार सातवें दिन शहीद स्मारक पर धरने पर डटे रहे। वे यहां राजस्थान में हुई एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। खराब मौसम, तेज आंधी और बारिश के बावजूद बेनीवाल गमछों की छत के नीचे धरना स्थल पर बैठे रहे।
अमर उजाला से खास बातचीत में उन्होंने राजस्थान सरकार के मंत्री केके बिश्नोई द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि एसआई भर्ती में हुई गड़बड़ियों को लेकर जो तथ्य उन्होंने उठाए हैं, वे एसओजी की रिपोर्ट में दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा, यह सब रिपोर्ट में लिखा है। यहां तक कि मंत्री की महिला मित्र ने भी पैसों के लेन-देन का आरोप लगाया है।
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इसके पहले शुक्रवार को बेनीवाल ने मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया और आरोप लगाया कि एसआई भर्ती परीक्षा रद्द न होने के पीछे मुख्य वजह खेल व युवा राज्य मंत्री केके बिश्नोई हैं। इस पर भाजपा ने देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। जिसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक कैलाश वर्मा समेत कई नेताओं ने कहा कि बेनीवाल खींवसर उपचुनाव में मिली हार की खीझ निकाल रहे हैं।
भाजपा के इन आरोपों पर बेनीवाल ने कहा कि खींवसर में सिर्फ 4000 बिश्नोई वोट हैं, जिनमें 1200 भाजपा को और 1700 वोट आरएलपी को मिले थे। मुझे पूरे विधानसभा क्षेत्र में 95,000 वोट मिले थे। अगर मंत्री को लगता है कि उन्होंने मुझे हराया था तो एक बार अकेले मैदान में आ जाएं, पता चल जाएगा कौन कितना लोकप्रिय है।
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बेनीवाल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मंत्री बिश्नोई पहली बार चुनाव जीते हैं, यह कभी-कभी हो जाता है लेकिन अगला चुनाव तय करेगा कि जनता किसके साथ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से एसआई भर्ती घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
बहरहाल बेनीवाल का धरना लगातार जारी है और उन्होंने साफ किया है कि जब तक भर्ती परीक्षा रद्द नहीं होती और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस पूरे मामले ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है और भाजपा बनाम आरएलपी की लड़ाई और तेज होती जा रही है।