राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर आधारित बहुचर्चित फीचर फिल्म ‘द ज्ञानवापी फाइल्स: ए टेलर मर्डर स्टोरी’ अब सिनेमा के बड़े परदे पर उतरने के लिए तैयार है। 27 जून 2025 को यह फिल्म भारत समेत अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और दुबई के कुल 4500 स्क्रीन्स पर रिलीज की जाएगी। रिलीज से पहले जयपुर के होटल संडे इन में आयोजित हुई विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस ने फिल्म और उससे जुड़ी संवेदनशील सच्चाइयों को सामने लाकर माहौल को भावनात्मक बना दिया।
पीड़ित परिवार का छलका दर्द
फिल्म की प्रस्तुति से पहले जयपुर में हुई मीडिया मीटिंग में कन्हैयालाल की पत्नी जसोदा साहू और उनके बेटे ने अमर उजाला के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उनकी पत्नी जसोदा साहू की आंखों में आंसू छलक आए। उन्होंने कहा कि यह फिल्म हमारे जीवन का वह सच है जिसे हम जी रहे हैं, सह रहे हैं और अभी भी न्याय के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि तीन साल बीत गए हैं घटना को, पर लगता है मानो कल की बात है। तीन साल बीतने के बाद भी अभी तक न्याय के लिए इंतजार कर रहे हैं।
जसोदा साहू ने आगे कहा कि अगर ‘स्वर्गीय कन्हैयालाल’ के हत्यारे को फांसी दे दी जाती तो पहलगाम में यह हिंसक घटना नहीं होती। आतंकियों के हौसले टूट जाते, परंतु तीन साल से न्याय नहीं मिला है। साहू ने कहा कि आज भी वह दिन याद है, जब मेरे पति सुबह खाने का टिफिन लेकर अपने काम पर निकले थे। पर उम्मीद नहीं थी कि वह लौटेंगे नहीं। मेरे पति की जिस तरीके से निर्मम हत्या की गई है, आतंकियों का भी वही हाल होना चाहिए।
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वहीं, बड़े बेटे यश साहू ने भावुक होते हुए कहा कि उस हत्याकांड को तीन साल होने वाले हैं। हम मदद के लिए जहां-जहां जा सकते थे, हम गए और हमने पूरा प्रयास किया कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कर दिया जाए। आतंकियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिले, हमारी पहले दिन से यही एकमात्र मांग है। पर उसको छोड़कर सरकार ने सारे वादे किए, पर आतंकियों को फांसी नहीं मिली है।
यश साहू ने कहा कि यह तो संभव नहीं है कि हम अनशन पर बैठ जाएं या हम उदयपुर से दिल्ली तक पैदल मार्च करें, तभी न्याय मिलेगा। आज हम प्रधानमंत्री जी से सीधी मांग करते हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा सुनाई जाए। यश साहू ने 28 जून 2022 को याद करते हुए कहा कि वह दिन याद है, जब मेरे पिता अपनी दुकान पर बैठे थे और मैं अपनी दुकान पर काम कर रहा था। मेरे एक जानकार का फोन आया और उसने मुझे कहा कि तू तुरंत तेरे पिताजी की दुकान पर जा, आज कुछ लफड़ा हो गया है। मुझे उस वक्त तक नहीं पता था कि क्या हो गया। पर जब मैं अपने पिता की दुकान से 800 मीटर की दूरी पर था तो वहां पर जो भीड़ इकट्ठी थी, उसको देखकर मैं समझ गया कि कुछ हुआ है। जब मैं अपने पिता की दुकान के पास पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरे पिता का गला कट चुका है और मैं समझ चुका था कि पिताजी हमको छोड़कर चले गए हैं।
कन्हैयालाल साहू के बेटे यश साहू ने बताया कि एक पोस्ट करने के चक्कर में मेरे पिता की उनकी दुकान के सामने वाले दुकानदार से कहासुनी हो गई थी। उसे लेकर पर उन्होंने मेरे पिता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था, फिर मेरे पिता को धमकियां आने लगी। हमारी दुकान की रेकी की जाने लगी, जब हम पुलिस के पास गए तो पुलिस ने हमारे और सामने वाले के बीच में समझौता करने की बात कही। हमें जरा सा भी अंदेशा नहीं था कि सामने वाले हमारे विषय में कैसी सोच रखते हैं और किस तरीके का आतंकी काम अंजाम देने की सोच रहे हैं। मुझे को और मेरे पिता दोनों को घटना से पहले यह लगा था कि कोई थप्पड़ मार देगा, कोई हाथ-पैर तोड़ देगा। पर किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि कोई एक धारदार हथियार से मेरे पिता का गला काट देगा।
इस फिल्म में विजय राज, प्रीति झंगियानी, रजनीश दुग्गल, कांची सिंह, मुश्ताक खान, राकेश बिश्नोई, कमलेश सावंत, एहसान खान और मनोज बक्शी जैसे प्रतिभाशाली कलाकार मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। वहीं, संगीत भी फिल्म की ताकत है। इसमें आवाज दी है देश के लोकप्रिय गायक कैलाश खेर, पलक मुंचाल, अली कुली मिर्जा, नंदिनी श्रीकर, दिव्य कुमार और अन्य कलाकारों ने। गाने न सिर्फ कहानी को आगे बढ़ाते हैं, बल्कि दर्शकों को भावनात्मक रूप से गहराई तक जोड़ते हैं।
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निर्देशक और निर्माता ने फिल्म को लेकर रखा यह पक्ष
फिल्म के निर्देशक भारत एस. श्रीनेत ने कहा कि हमने इस फिल्म में डर, दबाव और सेंसरशिप से ऊपर उठकर सच्चाई दिखाने की कोशिश की है। यह फिल्म नफरत को बढ़ावा नहीं देती, बल्कि समाज को आईना दिखाने का काम करती है।
वहीं, निर्माता अमित जानी बोले कि ये सिर्फ एक मर्डर केस नहीं, बल्कि वो दस्तावेज है जो मौन समाज की आंखें खोलता है। हमारे लिए यह एक मिशन है, एक सामाजिक जिम्मेदारी है।
दरअसल, फिल्म की कहानी 28 जून 2022 को घटित एक दर्दनाक घटना पर आधारित है। तब उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू की दिनदहाड़े उनकी ही दुकान में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी, जिसके पीछे की वजह एक सोशल मीडिया पोस्ट सामने आई थी।
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