Pakistan On War With India: पहलगाम आतंकवादी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक मुश्किल बना दिया है. हमले के 11 दिन बीत जाने के बावजूद सीमा पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है और कूटनीतिक रिश्तों में भी तीखापन साफ देखा जा सकता है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान लगातार अपने शामिल होने से इनकार कर रहा है.
दूसरी ओर पाकिस्तान बार-बार परमाणु युद्ध की धमकियां दे रहा है, जो स्थिति को अधिक संवेदनशील बना रही हैं. इन सबके बीच पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने इस स्थिति पर एक चिंताजनक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने युद्ध की संभावना से इनकार तो नहीं किया लेकिन सतर्क रहने की बात कही.
NSA के पद पर रहे चुके हैं मोईद यूसुफ
इमरान खान की सरकार में मोईद यूसुफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) रह चुके हैं. वे दक्षिण एशिया और सुरक्षा नीति के विशेषज्ञ माने जाते हैं और अमेरिका और पाकिस्तान दोनों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने संकट प्रबंधन और परमाणु वातावरण में युद्ध संभावनाओं पर कई पुस्तकें लिखी हैं. उनकी 2018 में प्रकाशित पुस्तक “Broking Peace in Nuclear Environments: U.S. Crisis Management in South Asia” को विशेषज्ञों ने दक्षिण एशियाई सुरक्षा चिंताओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण किताब मानते हैं.
‘भारत-पाकिस्तान अमेरिका पर निर्भर’
अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में यूसुफ ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संकट के समय बाहर निकलने के लिए दूसरे पर निर्भर रहते हैं. ये सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने ऐतिहासिक रूप से तीसरे पक्ष खासकर अमेरिका पर निर्भर रहकर संकट से बाहर निकलने की रणनीति अपनाई है. लेकिन इस बार अमेरिका ने निष्क्रिय रुख अपनाया है.” पूर्व NSA ने यह भी कहा कि भारत ने वही पुरानी रणनीति अपनाई, लेकिन अमेरिका, जो हमेशा एक संतुलन बनाने की भूमिका निभाता रहा है इस बार सामने नहीं आया, जिससे भारत की कूटनीतिक स्थिति कमजोर हुई है.
युद्ध की आशंका और पाकिस्तान की तैयारी की चेतावनी
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका पर यूसुफ ने कहा कि मैं नहीं मानता कि अभी कोई बड़ा युद्ध होगा, लेकिन पाकिस्तान को हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. युद्ध की शुरुआत अकसर गलतफहमी से होती है और जब संबंध इतने तनावपूर्ण हों तो एक छोटी सी गलती बहुत बड़ी घटना को जन्म दे सकती है. उन्होंने चेताया कि भारत की ओर से कोई भी सैन्य कार्रवाई भले ही इस समय आसन्न न हो, लेकिन अतीत की तरह यह अचानक भी हो सकती है और पाकिस्तान को सावधानी, रणनीति और सतर्कता के साथ आगे बढ़ना चाहिए.
अमेरिका की चुप्पी और वैश्विक जिम्मेदारी
पूर्व NSA के अनुसार वर्तमान संकट में सबसे खतरनाक पहलू है अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों की निष्क्रियता. ट्रंप के पुराने बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यह संदेश दिया है कि भारत-पाक को अपने विवाद खुद सुलझाने चाहिए.
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