Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा के 2 साल पूरे होने पर शनिवार (3 मई, 2025) को कई जगहों पर बंद का आयोजन किया गया. राज्य में बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. हालांकि, पहाड़ी इलाकों और घाटी में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.
मैतेई समुदाय की अग्रणी संस्था मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) ने घाटी में बंद का आह्वान किया, जिसमें 6 जिले शामिल हैं. वहीं, जोमी छात्र संघ (ZSF) और कुकी छात्र संगठन (KSO) ने पहाड़ी जिलों में बंद लागू किया. इस बंद के कारण दुकानें, बाजार, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय, बैंक और शैक्षणिक संस्थान भी पूरी तरह बंद रहे. सुरक्षा बलों के वाहनों को छोड़कर अधिकांश वाहन सड़कों से नदारद रहे.
संवेदनशील स्थानों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनातीबंद के कारण मणिपुर में शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही. एक अधिकारी ने बताया कि किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों को भी महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है और वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
कुकी-जोमी समूहों ने मनाया अलगाव दिवस इम्फाल के खुमान लम्पक में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए, जहां जातीय हिंसा के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक सार्वजनिक सम्मेलन आयोजित किया गया. मणिपुर में कुकी-जोमी समूहों ने अलगाव दिवस मनाया. मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है. 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा जिसे राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद निलंबित कर दिया गया है, जबकि विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक का है.
मणिपुर में बीते 2 सालों से मैतई समुदाय और कुकी के बीच चल रही जातीय हिंसा में अब तक सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. हिंसा के चलते राज्य में बड़ी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
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