प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (03 मई, 2025) को अंगोला के लिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की डिफेंस लोन सुविधा की घोषणा की साथ ही आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ दृढ़ता और निर्णायक कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
प्रधानमंत्री की ओर से अफ्रीकी देश की सेना की मदद की यह घोषणा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कुछ दिन बाद की गई है. पीएम मोदी ने यह घोषणा अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लॉरेन्को के साथ व्यापक चर्चा के बाद की. दोनों नेताओं की बातचीत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित थी.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि लॉरेन्को की भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नयी दिशा देगी बल्कि भारत-अफ्रीका साझेदारी को भी मजबूत करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अंगोला के रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए भारत की 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है.’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि रक्षा उपकरणों की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई.
‘आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जन-उपयोगी डिजिटल अवसंरचना, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में भी अंगोला के साथ अपनी क्षमताओं को साझा करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्वास्थ्य सेवा, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में अपने संबंधों को और मजबूत करने का भी निर्णय लिया है.’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’
उन्होंने भारत और अफ्रीकी संघ के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हम प्रगति में साझेदार हैं, हम ‘ग्लोबल साउथ’ के आधार हैं.’’ ग्लोबल साउथ का अभिप्राय विकासशील और अल्प-विकसित देशों से है जो अधिकतर दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हैं. लॉरेन्को गुरुवार को चार दिनों की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे.
क्या है भारत की नेकलेस ऑफ डायमंड और चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स की रणनीति?
भारत की नेकलेस ऑफ डायमंड रणनीति, चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स रणनीति का जवाब है. ये हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए है. नेकलेस ऑफ डायमंड में भारत अपनी नौसैनिक शक्ति को बढ़ा रहा है, सैन्य ठिकानों का विस्तार कर रहा है और क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग मजबूत कर रहा है. चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स रणनीति का उद्देश्य भारत को घेरे में रखना और हिंद महासागर में अपने प्रभाव का बढ़ाना है. चीन हिंद महासागर के आसपास अलग-अलग देशों में बंदरगाहों, हवाई अड्डों और दूसरी सुविधाओं का निर्माण कर रहा है. इसके जवाब में भारत सुरक्षा समझौतों और सैन्य सहयोग के जरिए चीन को काउंटर कर रहा है.
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