पहलगाम हमले को लेकर मीरवाइज उमर फारूक बोले- ‘दो कश्मीरियों को फर्जी मुठभेड़ में मार डाला’

Must Read

Kashmir people after Pahalgam Terror Attack : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला होने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां घाटी में आतंकियों का साथ देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इस बीच ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने आज यानी शुक्रवार (2 मई, 2025) को जामा मस्जिल में भाषण दिया है. अपने भाषण में फारूक ने आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने की बात भी कही.
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने अपने संबोधन में कहा, “पहलगाम में हुई भयावह घटना के बाद जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, उन्होंने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि जब भी कभी ऐसे घटनाएं होतीं हैं तो इसमें सबसे ज्यादा परेशानी और तकलीफ कश्मीर के लोगों को ही भुगतना पड़ता है. हालांकि, इस घटना के बाद कश्मीर के लोगों ने एकजुट होकर इसकी निंदा की, इसके बावजूद कश्मीर के लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में व्यापक रूप से कार्रवाई की जा रही है. इसमें दो लोग मारे जा चुके हैं, जिनके नाम अल्ताफ लाली और गुलाम रसूल मारगय था. उनके परिवारों ने यह दावा किया कि यह फर्जी मुठभेड़ थी और इसकी निष्पक्ष रूप से जांच होनी चाहिए.”
हजारों लोग हिरासत में हैं और सैकड़ों घर गिराए गए-फारूक
उन्होंने कहा, “हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है और सैकड़ों घरों को धमाका करके गिराया गया है, इससे कई परिवार बेघर और बेसहारा हो गए हैं. वहीं, मीडिया में कश्मीरियों को बदनाम किए जाने के कारण जम्मू-कश्मीर के बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र और कामगार लोग डर के कारण वापस लौटने को मजबूर हो गए हैं.” उन्होंने कहा कि अगर इस कार्रवाई का उद्देश्य गुनाहगारों को सजा देना है, तो क्या इन कार्रवाइयों से वह उद्देश्य सच में पूरा हो रहा है?
देश के लोगों को बाहर भेजना अमानवीय, बिछड़ गए कई परिवार-फारूक
वहीं, दूसरी तरफ एक और अमानवीय घटना सामने आ रही है, जिसके तहत देश से सैकड़ों लोगों को निकाला जा रहा है. इस कार्रवाई से कई परिवार बिछड़ गए हैं. किसी की मां, किसी की बेटी, किसी के पति-पत्नी तो किसी के बच्चे बिछड़ गए हैं. इस बीच एक दुखद मामला सामने आया, जिसमें एक 80 साल के दिव्यांग बुजुर्ग अब्दुल वाहिद भट्ट को देश से बाहर भेजा जा रहा था, तब बस में उनकी मौत हो गई.”
जम्मू-कश्मीर से लोगों को डिपोर्ट न करने की अपील की
उन्होंने कहा, “कश्मीर में दुखों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह इस नीति की फिर से समीक्षा करे. अगर भारत सरकार इस नीति के जरिए जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करना चाहती है, तो यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. मैं भी यह अपील करता हूं कि मानवीय आधार पर परिवार के सदस्यों को डिपोर्ट न किया जाए, जिससे कि उनके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़े.“
सरकार को लोगों का भरोसा जीतना चाहिए- फारूक
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (JKAAC) पर अन्यायपूर्ण तरीके से और राजनीति से प्रेरित होकर बैन लगाया गया है. वहीं, अब पुलिस की ओर से लाउडस्पीकर पर यह घोषणाएं की जा रही है कि लोगों को JKAAC से जुड़ने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. लोग जानते हैं कि यह संगठन हमेशा शांति के लिए खड़ी हुई है, जिसे डर फैलाने की साजिश समझी जाती है. सरकार को लोगों का विश्वास जीतना चाहिए, न कि धमकी देकर उन्हें दबाने की कोशिश की जानी चाहिए.”
अपने संबोधन के अंत में ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो खराब हालात हैं वो बिना युद्ध के ही हल हो जाए.

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -