डोनाल्ड ट्रंप का एयरफोर्स वन से हुआ मोहभंग, नहीं कराना चाहते ट्रूडो जैसी बेइज्जती, मुस्लिम देश से मांगी मदद

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Last Updated:May 02, 2025, 14:19 IST

US Airforce One News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एयरफोर्स वन को बदलना चाहते हैं. ट्रंप नए एयरफोर्स वन विमान के बनने में लगातार हो रही देरी से परेशान हैं. यही कारण है कि अब ट्रंप प्रशासन नए एयरफोर्स वन के …और पढ़ें

एयरफोर्स वन को बदलना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • ट्रंप एयरफोर्स वन बदलने के लिए कतर से मदद लेंगे
  • नए विमान में देरी से ट्रंप नाराज हैं
  • ट्रंप नहीं चाहते ट्रूडो जैसी बेइज्जती हो

वाशिंगटन: एयर फोर्स वन विमान अमेरिका की शान कहा जाता है. दुनिया में यह सबसे हाई सिक्योरिटी प्लेन है, लेकिन अब इसके बदलने का समय आ गया है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नए एयरफोर्स वन को बनाने में हो रही देरी से परेशान हो चुके हैं. अब उन्होंने इसके लिए नया रास्ता निकाला है. ट्रंप प्रशासन अब कतर की सरकार की ओर से इस्तेमाल किए गए एक बोइंग 747 विमान को एयरफोर्स वन बनाने की तैयारी में है. वॉल स्ट्रीट जर्नल में इससे जुड़ी खबर छपी है. इतना बड़ा फैसला साफ दिखता है कि ट्रंप किस हद तक बोइंग की लेटलतीफी से नाराज हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में बोइंग को आड़े हाथों लिया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं बोइंग से खुश नहीं हूं. एयरफोर्स वन प्रोग्राम में देरी हो रही है. हम कोई नया प्लेन खरीद सकते हैं या कुछ और कर सकते हैं.’ अब उनकी सरकार ने यही किया. वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने L3 हैरिस को कतर के पुराने बोइंग 747 को रीफर्बिश करने का जिम्मा सौंपा है. ट्रंप चाहते हैं कि ठंड आते-आते यह प्लेन उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाए. वह खुद इस प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस पर नजर रख रहे हैं.

ट्रूडो वाली बेइज्जती से बचना चाहते हैं ट्रंप
मौजूदा एयरफोर्स 1 विमान जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश के समय से सर्विस में है, जो अब रिटायर होने की कगार पर पहुंच गया है. अब इन्हें रखरखाव की ज्यादा जरूरत पड़ती है, जिस कारण राष्ट्रपति की विदेश यात्राओं में दिक्कतें आती हैं. संभव है कि किसी विदेश यात्रा के दौरान यह खराबी का भी सामना करें. ऐसा होना कोई अनोखी बात नहीं होगी. क्योंकि कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जब जी-20 में भारत आए थे, तब उनका पुराना विमान खराबी के कारण समय से नहीं उड़ पाया था. ट्रंप नहीं चाहते कि उनकी ऐसी ही बेइज्जती हो. ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में बोइंग को 3.9 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया था, ताकि दो नए 747-8 जेट्स बनाए जाएं. लेकिन सात साल होने को हैं और यह अभी बनकर तैयार नहीं है. सप्लाई चेन की समस्याएं, इंजीनियरिंग की गड़बड़ियां, और मैन्युफैक्चरिंग में देरी ने प्रोजेक्ट की लागत बढ़ा दी है.

क्या है एयरफोर्स वन की ताकत?
डोनाल्ड ट्रम्प के लिए एयर फोर्स वन सिर्फ एक प्लेन नहीं, बल्कि उनकी ताकत और रुतबे का प्रतीक है. विमान हाई सिक्योरिटी और आधुनिक क्षमताओं से लैस है. मिसाइल रोधी सिस्टम, जैमर इन्हें हवाई हमलों से बचाता है. इसकी खिड़कियां और बॉडी बुलेटप्रूफ है. अमेरिका का यह हवा में मौजूद कमांड सेंटर है. यानी राष्ट्रपति हवा में उड़ते हुए जमीन पर कोई भी आदेश दे सकते हैं. हवा में यह ईंधन भी भर सकता है. लंबी दूरी से जुड़ी पर्याप्त सुविधा इसमें होती है.

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डोनाल्ड ट्रंप का एयरफोर्स वन से हुआ मोहभंग, नहीं चाहते ट्रूडो जैसी बेइज्जती

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