International Labour Day 2025: अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या श्रम दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है. यह दिन श्रमिकों के अधिकारों और स्थितियों पर विचार करने का होता है. मुख्य रूप से श्रम दिवस मनाने का उद्देश्य दुनियाभर के मजदूरों या श्रमिकों के अधिकारों और उपलब्धियों को उजागर करना होता है.
उत्पादन में मजदूर प्राथमिक कारक हैं, जोकि आर्थिक विकास को गति देते हैं. किसी समाज की अर्थव्यवस्था और विकास में मजदूरों का अहम योगदान होता है. इसी योगदान को मान्यता देने के लिए हर साल दुनियाभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है.
मजदूरों को मेहनताना न देना अल्लाह की नजरों में है ‘गुनाह’
कड़ी मेहनत के बाद भी अगर मजदूरों को उनका मेहनताना न मिले तो यह बहुत दयनीय है और इसमें कोई संदेह भी नहीं है कि यह अन्याय है. इसलिए मजदूरों को उनके मेहनत का भुगतान समय पर न करने को अल्लाह ने गुनाह बताया है.
पैगंबर (स.अ.व.) ने कहा है, “मजलूम की दुआ से बचो, भले ही वह काफिर हो, क्योंकि उसके और अल्लाह के बीच कोई पर्दा नहीं होता.” इस कथन से स्पष्ट होता है कि, मजदूरों को मेहनताना न देना, उनके अधिकारों का हनन करना या किसी भी तरह से उन्हें कष्ट पहुंचाना श्रम कानून का उल्लघंन है.
नबी का फरमान है कि- मजदूर को उसकी मजदूरी उसका पसीना सूखने से पहले दे दो. नबी के यह विचार गहरे नैतिक और धार्मिक अर्थ को दर्शाता है, जोकि अल्लाह की साधारण हिदायत न होकर लोगों के लिए महत्वपूर्ण संदेश भी है. किसी भी बहाने से श्रमिकों का वेतन रोकना, वेतन में देरी करना या तय सीमा से अधिक काम कराना जायज नहीं है. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि श्रमिकों को उनका मेहनताना न देना नैतिक अपराध तो है ही, इसके साथ अल्लाह के सामने यह पाप है. इसलिए इस गुनाह से बचें.
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