जोधपुर शहर में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। यह कॉल सेंटर न केवल अवैध रूप से आम लोगों के फोन नंबर जुटा रहा था, बल्कि इन नंबरों का वेरिफिकेशन कर विदेशी बाजार में ऊंचे दामों पर बेच भी रहा था। एसीपी हेमंत कलाल के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है।
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रातानाडा क्षेत्र में चल रहा था गिरोह का ठिकाना
एसीपी हेमंत कलाल ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि रातानाडा क्षेत्र के गणेश मंदिर के पास स्थित एक मकान में एक अवैध कॉल सेंटर संचालित हो रहा है। इस सूचना पर रातानाडा थाना, एयरपोर्ट थाना, साइबर टीम और जिला विशेष टीम ने संयुक्त कार्रवाई की। जब पुलिस टीम ने मौके पर दबिश दी तो वहां से 32 सीपीयू, 28 लैपटॉप, आठ मॉनिटर, 19 एटीएम कार्ड, 19 पेनड्राइव और 11 मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए।
डाटा बेचकर कमा रहे थे लाखों
जांच के दौरान पुलिस को डिवाइसेज से कई ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिलीं, जिनसे खुलासा हुआ कि यह गिरोह मुख्यतः विदेशों में रह रहे बुजुर्ग नागरिकों को अपना शिकार बनाता था। आरोपी फर्जी पहचान बनाकर इन लोगों को फोन करते और बहाने से उनका वेरिफिकेशन कराते। इसके बाद संबंधित डाटा को अवैध रूप से विदेशों में बेच देते।
बताया गया कि यह साइबर ठग इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लोगों की जानकारी जुटाते और एक लिस्ट तैयार करते। फिर उस लिस्ट के आधार पर फोन कर डाटा वेरिफाई किया जाता। 10 हजार फोन नंबर उपलब्ध कराने पर यह गिरोह 60 डॉलर प्रति पैकेज कमाता था। अनुमान है कि अब तक यह गिरोह लाखों की कमाई कर चुका है।
डिजिटल करेंसी और विदेशी ट्रांजेक्शनों की जांच जारी
पुलिस को इस कार्रवाई के दौरान डिजिटल करेंसी से जुड़े सबूत भी मिले हैं, जिससे यह साफ होता है कि यह गिरोह अपने लेनदेन को ट्रेस से बचाने के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस फिलहाल इन डिजिटल ट्रांजेक्शनों की भी जांच कर रही है कि किस माध्यम से पैसे देश से बाहर भेजे जा रहे थे।
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सौरभ सिंह चौहान सहित चार आरोपी गिरफ्तार
इस कार्रवाई में पुलिस ने सौरभ सिंह चौहान सहित चार लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। सभी से गहन पूछताछ की जा रही है और अन्य संभावित ठिकानों पर भी छापामारी की तैयारी की जा रही है। एसीपी हेमंत कलाल ने कहा कि यह एक संगठित साइबर ठगी का मामला है, जिसमें और भी कई कड़ियों के खुलने की संभावना है।