नई दिल्ली. भारत में हवाई जहाज के अंदर WiFi न मिलता हो लेकिन कई विदेशी एयरलाइंस यह सुविधा ऑफर करती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लेन में वाईफाई कैसे काम करता है और भारत में कंपनियां इसे ऑफर क्यों नहीं करती हैं. इस लेख में हम आपको इन 2 सवालों का जवाब विस्तार से देने का प्रयास करेंगे.
विमान में वाईफाई देने के लिए दो मुख्य तरीके अपनाए जाते हैं, जो एयरलाइन और विमान के प्रकार पर निर्भर करते हैं. ये 2 तरीके हैं- एयर-टू-ग्राउंड (Air-to-Ground) और सैटेलाइट WiFi.एयर-टू-ग्राउंड तरीका बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे आपके फोन में जमीन पर इंटरनेट चलता है. इस तकनीक में सेल टावरों का उपयोग किया जाता है, जो WiFi सिग्नल्स को आसमान की ओर भेजते हैं. ये सिग्नल्स विमान में लगे रिसीवर द्वारा पकड़े जाते हैं, जिससे हवाई जहाज में WiFi सेवा मिलती है.
दूसरा तरीका है सैटेलाइट WiFi. इस तकनीक में विमानों के ऊपर एक एंटीना लगाया जाता है, जो सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है और यात्रियों को इंटरनेट सेवा प्रदान करता है. यह एक नई तकनीक है, लेकिन कई एयरलाइंस इसे तेजी से अपना रही हैं. इन दोनों तरीकों से यात्रियों को उड़ान के दौरान भी इंटरनेट की सुविधा मिलती है, जो लंबे सफर को और भी आरामदायक बना देती है.
भारत एयरलाइंस क्यों नहीं देती वाईफाई
ऐसी कई विदेशी एयरलाइंस हैं जो इन-फ्लाइट वाइफाई की सुविधा देती हैं. लेकिन भारत में विस्तार फिलहाल इकलौती कंपनी है जो यह सुविधा देती है. हालांकि, यह सर्विस उसकी इटंरनेशनल फ्लाइट में दी जाती है. अब एयर इंडिया भी यूके जानी वाली फ्लाइट में यह सुविधा शुरू कर सकती है. बहरहाल, घरेलू उड़ानों में अभी वाईफाई सेवा शुरू किये जाने की सुगबुगाहट तक नहीं है.
2018 से पहले तक ऐसा करना संभव ही नहीं था क्योंकि सरकार ने ही इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. लेकिन 2018 में इसकी अनुमति दे दी गई. इसके बावजूद घरेलू उड़ानों में वाईफाई की सुविधा नहीं दी गई. इसका सबसे बड़ा कारण अब कॉस्ट है. द हिंदू की एक खबर के अनुसार, फ्लाइट में वाईफाई देने के लिए सारा सेटअप तैयार करने में 3-4 करोड़ रुपये लग जाते हैं. हवाई जहाज में एंटीना फिट करना करीब 12 घंटे का समय ले लेता है. इसके अलावा घरेलू ग्राहक कंपनी द्वारा उठाई जा रही कॉस्ट का बोझ उठाने के लिए तैयार नहीं होते हैं. विमान कंपनियां खुद भी यह खर्च उन पर नहीं डालना चाहती क्योंकि उन्हें डर होता है कि वह इसकी वजह से अपने ग्राहक गंवा देंगी. विस्तारा जो विदेशी रूट पर वाईफाई दे रही है वह भी केवल 20 मिनट के लिए ही फ्री होता है. इसके बाद का इंटरनेट यात्री को खरीदना होता है. संभव है कि ग्राहक वाईफाई की लागत का भार झेलने में सक्षम हो जाए तो भारत की घरेलू एयरलाइंस भी इन-फ्लाइट वाई फाई की सुविधा शुरू कर दें.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 19:27 IST