राजस्थान की सियासत में आज उस वक्त हलचल मच गई जब नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपनी सुरक्षा हटाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने खुद की सुरक्षा में लगे दो सुरक्षाकर्मियों को वापस भेजकर सीधा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को निशाने पर लिया। बेनीवाल ने सोशल मीडिया एप एक्स पर पोस्ट कर इस फैसले की जानकारी दी और सरकार पर तीखा हमला बोला।
बेनीवाल ने लिखा कि उन्हें विगत कई वर्षों से चार सुरक्षाकर्मी आधुनिक हथियारों के साथ उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन मौजूदा सरकार ने आते ही संख्या घटाकर दो कर दी और अब उनसे भी आधुनिक हथियार वापस लेकर पिस्टल जैसा हथियार सौंपा गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल करते हुए कहा कि क्यों मेरी सुरक्षा में लगातार कटौती की जा रही है, जबकि इंटेलिजेंस इनपुट मेरे खिलाफ खतरे की बात कह रहे हैं?
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बेनीवाल ने दावा किया कि 25 अप्रैल को राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों ने उन्हें दूरभाष पर जान का खतरा बताते हुए एस्कॉर्ट और सुरक्षा देने की बात कही थी। बावजूद इसके वे जयपुर में सार्वजनिक कार्यक्रमों और प्रेसवार्ताओं में बिना पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के शामिल हो रहे हैं।
सांसद ने सवाल किया कि जब इंटेलिजेंस अलर्ट मौजूद है तो फिर श्रेणी के मुताबिक सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? उन्होंने नागौर के एसपी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या नागौर एसपी अब केंद्र और राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसियों से बड़े हो गए हैं, जो कह रहे हैं कि सुरक्षा सिर्फ नागौर जिले में मिलेगी?
अपनी पोस्ट में मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी, मेरी सुरक्षा अब आपके भरोसे नहीं है। राजस्थान के जवान और किसान मेरी असली ताकत हैं। अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मुझे आपकी सुरक्षा नहीं चाहिए।
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उन्होंने दो टूक शब्दों में यह भी कहा कि उनके जोश और जुनून के पीछे राजस्थान की आम जनता, गरीब और किसान का आशीर्वाद है, जो किसी भी सरकारी सुरक्षा से कहीं बड़ा है।
सांसद हनुमान बेनीवाल के इस फैसले ने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। एक तरफ जहां उनके समर्थक इसे साहसिक कदम बता रहे हैं, वहीं विपक्षी इसे सरकार की नाकामी करार दे रहे हैं।