नई दिल्ली. शुक्रवार को सोने की कीमतों में 1000 रुपये से अधिक की गिरावट आई. पिछले दो दिनों में भी सोने में अच्छी-खासी बिकवाली देखने को मिली थी. MCX पर गोल्ड अपने हाई से अब तक 4,150 रुपये से अधिक की गिरावट दर्ज कर चुका है. लगभग एक लाख को छूने के बाद 4 फीसदी से अधिक की गिरावट हो चुकी है. निवेशकों की काफी अजीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि जब तक सोने में निवेश नहीं किया था, तो बढ़ता ही जा रहा था और जिन्होंने पैसा लगा दिया, वे गिरावट के कारण पछता रहे हैं. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि सोना तो सोना ही है, इसमें निवेश करके सुकून की नींद सोया जा सकता है. खासकर फिलहाल की जियो-पॉलिटिकल कंडीशन्स को देखते हुए.
दरअसल, सोने में तेजी के पीछे एक कारण अमेरिका का टैरिफ वाला प्रपंच भी था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम देशों पर टैरिफ थोपा तो बदले में कुछ देशों ने भी जवाबी टैरिफ लगा दिया. इस दौरान सोने की कीमतों में अच्छी खासी तेजी आई. बाद में ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी देशों को 90 दिन की मोहलत दे दी. इस समय में जो लोग अमेरिका के साथ समझौता कर लेंगे, वे बचे रहेंगे, और न कर पाने वाले देशों पर वैसा ही टैरिफ लागू होगा, जो ट्रंप ने अनाउंस किया था.
दुनिया की 2 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (अमेरिका और चीन) के बीच टैरिफ वॉर अलग ही लेवल पर पहुंच गया. दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई और सोने में ताबड़तोड़ निवेश आने लगा. यहां तक कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक भी सोना खरीदने लगे. इसी वजह से सोने की कीमतों में 8 अप्रैल से लेकर इसके हाई पर पहुंचने तक 14 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. मतलब 12,000 रुपये से भी अधिक.
तो अब क्यों गिरने लगे दामअमेरिका और चीन दोनों ने अपने सुर नरम किए हैं. अमेरिकी की तरफ से कहा जा रहा है कि चीन पर उतने भारी टैरिफ भी नहीं लगेंगे. उधर चीन ने भी इसके बाद सुर नरम किए हैं और कहा है कि अमेरिका के साथ बात बन सकती है. अब दुनिया को दोनों देशों के बीच किसी लेवल पर मिलान होने की खबरों ने सोने के उबाल पर ठंडा पानी डालने जैसा काम किया है.
रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन कुछ अमेरिकी वस्तुओं को अपने टैरिफ (शुल्क) से छूट देने पर विचार कर रहा है. इस कदम से सोने की सेफ-हेवन यानी सुरक्षित निवेश की छवि को झटका लगा है. शुक्रवार सुबह 6:36 बजे (GMT) तक स्पॉट गोल्ड 1.4 फीसदी गिरकर 3,302.81 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. वहीं, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 1.1 फीसदी टूटकर 3,312.80 डॉलर पर आ गया.
चीन 125 फीसद टैरिफ के तहत आने वाली कुछ अमेरिकी वस्तुओं को छूट देने पर विचार कर रहा है और कंपनियों से यह बताने को कह रहा है कि किन वस्तुओं को इसमें शामिल किया जा सकता है. यह अब तक का सबसे बड़ा संकेत है कि बीजिंग ट्रेड वॉर के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंतित है. उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ व्यापार वार्ता जारी है, हालांकि चीन ने कहा है कि टैरिफ के बारे में कोई बातचीत नहीं हो रही है.
क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्टIG मार्केट स्ट्रैटजिस्ट येप जुन रोंग ने कहा, “टैरिफ में आंशिक छूट को अमेरिका-चीन तनावों में नरमी की ओर कदम माना जा सकता है, जिससे सोने जैसी सेफ-हेवन संपत्तियों पर थोड़ा दबाव पड़ता है.”
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में पोपले ग्रुप के राजीव पोपले के हवाले से लिखा गया है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है. अक्षय तृतीया में सिर्फ 1 हफ्ते ही बचा हुआ है. अक्षय तृतीया पर सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है.
दुनिया की बड़े ग्रुप जैसे कि जेपी मॉर्गेन और गोल्डमैन सैक्स आने वाले समय में सोने का उज्जवल भविष्य देख रहे हैं. जेपी मॉर्गेन को लगता है कि 2025 के अंत तक सोने का औसत भाव 3675 प्रति औंस डॉलर रह सकता है. वहीं, मजबूत मांग और ग्लोबल सेंट्रल बैंकों की खरीद से सोना जल्द ही $4000 तक भी पहुंच सकता है. गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि 2025 में सोना 3700 प्रति औंस डॉलर तक पहुंच सकता है और अगले साल यानी 2026 तक 4500 डॉलर का भी हो जाएगा. 4500 डॉलर प्रति औंस का मतलब है कि 10 ग्राम सोना लगभग डेढ़ लाख रुपये का मिलेगा.
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