Donald Trump On Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद जहां भारत ने कड़ी कूटनीतिक प्रतिक्रिया दी है, वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे बुरा हमला करार दिया है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है. एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने इस घटना पर चिंता जाहिर की और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर पूर्ण समर्थन व्यक्त किया.
भारत-पाकिस्तान के रिश्ते को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान के बहुत करीब हूं. कश्मीर में यह संघर्ष हजारों सालों से चला आ रहा है और कल का हमला बहुत बुरा था. उन्होंने कहा कि कश्मीर क्षेत्र में करीब 1,500 वर्षों से तनाव चला आ रहा है, और दोनों देशों के नेताओं को वे व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. ट्रंप को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान इस स्थिति को अपने तरीके से सुलझा लेंगे, हालांकि उन्होंने यह भी माना कि यह एक स्थायी संघर्ष क्षेत्र बन चुका है.
#WATCH | On #PahalgamTerroristAttack, US President Donald Trump says, “I am very close to India and I’m very close to Pakistan, and they’ve had that fight for a thousand years in Kashmir. Kashmir has been going on for a thousand years, probably longer than that. That was a bad… pic.twitter.com/R4Bc25Ar6h
— ANI (@ANI) April 25, 2025
दो दशकों का सबसे घातक हमला
मंगलवार को बैसरन घाटी, जो कि एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. वहां आतंकवादियों ने अचानक अंधाधुंध गोलीबारी कर 26 लोगों की हत्या कर दी. यह पिछले 20 वर्षों में कश्मीर में हुआ सबसे घातक आतंकी हमला था. इस हमले ने देश और विदेश में गहरी चिंता और गुस्से को जन्म दिया है.
हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया
हमले के बाद भारत सरकार ने त्वरित और बहुआयामी प्रतिक्रिया दी. सरकार ने अटारी ICP (एकीकृत चेक पोस्ट) को बंद करने का फैसला लिया है. SAARC वीज़ा छूट योजना को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए निलंबित कर दिया गया. भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या में कटौती की गई. हालांकि, इन सब की बीच 1960 की सिंधु जल संधि को खत्म करना सबसे बड़े फैसलों में से एक था. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सिंधु नदी का कोई भी पानी पाकिस्तान में नहीं जाने दिया जाएगा
डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी का महत्व
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाक संबंध बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं. उनकी टिप्पणी जहां भारत को वैश्विक मंच पर राजनयिक समर्थन देती है, वहीं यह भी दर्शाती है कि अमेरिका अब भी दक्षिण एशिया में शांति की कोशिशों का एक अभिन्न हिस्सा बना हुआ है.
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