जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जा रहा है। राजस्थान के जैसलमेर जिले में भी सुरक्षा का स्तर बढ़ाते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इस कदम के तहत जैसलमेर जिले के अधिकारियों ने सीमा पर घुसपैठ की आशंका और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
जैसलमेर में हाई अलर्ट के बाद पुलिस और बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इसमें मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और आगामी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियां तय की गईं। बैठक में जैसलमेर आईजी पुलिस विकास कुमार और बीएसएफ आईजी एमएल गर्ग सहित इंटेलिजेंस एजेंसियों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हुए। इस बैठक का फोकस मुख्य रूप से सीमा पर घुसपैठ की बढ़ती आशंका, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, और इंटेलिजेंस साझेदारी पर था।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, सीमा पर घुसपैठ पर विशेष निगरानी
जैसलमेर जिले के रामदेवरा स्थित बाबा रामदेव समाधि स्थल और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस और बीएसएफ द्वारा गहन जांच अभियान चलाया गया। थानाधिकारी शंकर लाल के नेतृत्व में इस इलाके में आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही है। खासकर राम सरोवर तालाब, परचा बावड़ी, मुख्य बाजार, होटल और धर्मशालाओं में आने-जाने वाले व्यक्तियों की सघन जांच की जा रही है। यह कदम सार्वजनिक स्थलों पर संभावित खतरे को रोकने और संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पकड़ने के लिए उठाया गया है।
यह भी पढ़ें- Pahalgam Attack: हमले के बाद राजस्थान से वापस जा रहे पाकिस्तानी विस्थापित! बॉर्डर पर अलर्ट; पांच शहरों में बंद
साथ ही, जैसलमेर के पुलिस जवानों को बुलेटप्रूफ जैकेट और हथियारों से लैस किया गया है। अब जिले में पुलिस और बीएसएफ के जवान नियमित रूप से गश्त करेंगे और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, रेगिस्तानी बॉर्डर इलाकों में स्मार्ट फेंसिंग सिस्टम को सक्रिय किया गया है। साथ ही एंटी-ड्रोन तकनीक को अलर्ट मोड में रखा गया है, ताकि किसी भी संदिग्ध ड्रोन गतिविधि को रोका जा सके।
सुरक्षा में पुलिस और बीएसएफ का बेहतर समन्वय
बैठक में पुलिस और बीएसएफ के बीच बेहतर समन्वय और इंटेलिजेंस साझा करने पर विशेष बल दिया गया। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि किसी भी सूचना को नजरअंदाज न किया जाए और तुरंत कार्रवाई की जाए। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि सीमा पर किसी भी घुसपैठ या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, बल्कि तुरंत उस पर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर अफवाहों पर सख्त कार्रवाई
जैसलमेर पुलिस ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे उन व्यक्तियों की पहचान कर रहे हैं जो गलत जानकारी या अफवाह फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे गलत और भ्रामक संदेशों से बचें और ऐसे किसी भी कंटेंट की जानकारी पुलिस तक पहुंचाएं।
जनता से सतर्क रहने की अपील
जैसलमेर पुलिस ने क्षेत्रीय नागरिकों से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है। विशेष रूप से धार्मिक स्थलों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर यदि किसी व्यक्ति या गतिविधि को संदिग्ध पाया जाए, तो पुलिस कंट्रोल रूम या नजदीकी थाना में इसकी सूचना दें। पुलिस ने यह भी कहा है कि जिन व्यक्तियों के पास पहचान पत्र नहीं हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें- Rajasthan: शाह से चर्चा के बाद एक्शन में CM, पाक नागरिकों के वीजा निरस्ती के निर्देशों पर सख्त पालन के आदेश
इसके अतिरिक्त सीमा क्षेत्रों में नियमित पेट्रोलिंग के साथ-साथ तकनीकी निगरानी भी तेज कर दी गई है। थर्मल इमेजिंग और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि घुसपैठ की किसी भी संभावित कोशिश को समय रहते पकड़ा जा सके।
संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान और सीमा पर सुरक्षा कड़ी
जैसलमेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी तलाशी अभियान को तेज कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हर चौकी और पोस्ट पर अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी गहन जांच की जा रही है। इसके अलावा, सीमा के आसपास स्थित धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों और दुकानों में लगातार सुरक्षा निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।