अमेरिका के गिरते बर्थ रेट से घबरा गए प्रेसिडेंट ट्रंप! कर दिया ये बड़ा ऐलान

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US Trump administration Focus On Birth Rate: अमेरिका इस समय एक गंभीर जनसंख्या संकट की ओर बढ़ रहा है, जिसकी सबसे बड़ी वजह है गिरता प्रजनन दर. हाल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की फर्टिलिटी रेट 1.62 है, जो कि 2.1 के स्तर से काफी नीचे है. यह गिरावट केवल जनसंख्या में नहीं बल्कि, अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना में भी असंतुलन पैदा कर सकती है. इसी संकट को दूर करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में प्रशासन ने एक नई नीति दिशा तैयार की है, जिसका मकसद है “फैमिली फर्स्ट अमेरिका”.

इस अभियान के तहत प्रशासन जनता को शादी करके बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. इसकी मदद से देश में नया बेबी बूम शुरू करने की कोशिश है. राष्ट्रपति ट्रंप इसे खुलकर “फर्टिलाइजेशन प्रेसिडेंसी” कह रहे हैं और ‘बेबी बोनस’ का नारा दे रहे हैं. उनका कहना है कि हमें अमेरिका में फिर से बच्चों की किलकारियां सुनाई देनी चाहिए.

अमेरिकी सरकार की प्रस्तावित नीतियां
प्रशासन के प्रस्तावों में कई प्रोत्साहन योजनाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य परिवार शुरू करने के लिए आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रेरणा देना है. प्रमुख योजनाओं के मुताबिक हर नई मां को $5,000 का एकमुश्त बेबी बोनस, जिससे नवजात की शुरुआती जरूरतें पूरी हो सके और परिवारों को आर्थिक मदद मिल सके.फुलब्राइट जैसी प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों में विवाहित और माता-पिता उम्मीदवारों के लिए 30% आरक्षण शामिल है. इस प्रस्ताव से विवाह को शैक्षणिक अवसरों से जोड़ा जा रहा है.जिन महिलाओं के छह या उससे अधिक बच्चे हैं, उन्हें एक प्रतीकात्मक “नेशनल मेडल ऑफ मदरहुड” से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है.

IVF पर सरकारी सब्सिडी की घोषणा
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी बांझपन इलाज के लिए सरकारी सब्सिडी की घोषणा की गई है,  जिससे अधिक महिलाएं मां बनने में सफलता हासिल कर सकें. पीरियड को लेकर भी महिलाओं के बीच जानकारी साझा की जा रही है, जिसकी मदद से महिलाएं अपने शरीर और प्रजनन क्षमता को बेहतर समझ सकें. यह प्रस्ताव सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक जरूरी कदम माना जा रहा है.

वैचारिक समर्थन और आलोचना
नई नीतिओं को लेकर अमेरिका में नई वैचारिक बहस शुरू हो गई है. रूढ़िवादी सोच रखने वाले इन प्रस्तावों को परंपरागत पारिवारिक मूल्यों की वापसी मानते हैं, जबकि आलोचक इसे परिवार की संकीर्ण परिभाषा कहकर विरोध कर रहे हैं. एलन मस्क, जो खुद 12 बच्चों के पिता हैं. उनका कहना है कि अगर लोग अब भी बच्चा पैदा करने को प्राथमिकता नहीं देंगे तो सभ्यता का पतन निश्चित है. जेडी वेंस इस आंदोलन को जनसंख्या पुनरुत्थान का राष्ट्रीय मिशन मानते हैं.दूसरी ओर, नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की प्रजनन विशेषज्ञ ईव फीनबर्ग इस पूरी नीति को वैज्ञानिक से अधिक वैचारिक मानती हैं. उनका कहना है कि जब तक आर्थिक असुरक्षा बनी रहेगी, तब तक केवल बेबी बोनस से समस्या नहीं सुलझेगी.

आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण
प्रजनन दर में गिरावट केवल सांस्कृतिक मुद्दा नहीं है, यह आर्थिक स्थिरता और सामाजिक संरचना से भी जुड़ा हुआ है. विशेषज्ञ मानते हैं कि जब परिवार खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं, तब वे बच्चा पैदा करने के बारे में सोचते हैं. बेबी बोनस जैसी योजनाएं तभी प्रभावी होंगी जब साथ में हेल्थकेयर एक्सेस, सस्ती चाइल्ड केयर, पेरेंटल लीव और रोजगार सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए.

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