Last Updated:April 24, 2025, 15:53 ISTराजस्थान हाईकोर्ट ने ओयो को जीएसटी विवाद में अस्थायी राहत दी और संस्कारा रिज़ॉर्ट के डायरेक्टर मदन जैन को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगाई है और पुलिस को जांच तेज करने का निर्देश दिया है. ओयो ने …और पढ़ेंओयो को कोर्ट ने क्लीन चिट दी है. हाइलाइट्सराजस्थान हाईकोर्ट ने ओयो को अस्थायी राहत दी.संस्कारा रिज़ॉर्ट के डायरेक्टर को नोटिस जारी.पुलिस को दो हफ्तों में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश.नई दिल्ली. राजस्थान हाईकोर्ट ने ओयो और संस्कारा रिज़ॉर्ट के बीच चल रहे जीएसटी विवाद में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए ओयो को जबरन कार्रवाई से अस्थायी राहत दी है. साथ ही कोर्ट ने संस्कारा रिज़ॉर्ट के डायरेक्टर मदन जैन को नोटिस जारी किया है. यह मामला 2.66 करोड़ रुपये की जीएसटी देनदारी से जुड़ा है, जिसमें कोर्ट ने शिकायतकर्ता द्वारा दी गई जानकारी को भ्रामक और अधूरी करार दिया.
ओयो की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रवीर भटनागर ने कहा कि रिज़ॉर्ट ने इस मामले से जुड़ी अहम जानकारियां जैसे चेक-आउट रिकॉर्ड, ऑपरेशनल एग्रीमेंट की कॉपी और बंद कमरों की डिटेल नहीं दी गई थी, जो केस के लिए आवश्यक थे. कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शिकायतकर्ता जानबूझकर टैक्स से जुड़ी सच्चाई को छिपाना चाहता है.
एफआईआर पर स्टेसंस्कारा रिज़ॉर्ट की ओर से दर्ज की गई एफआईआर को ओयो ने फर्जी और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगाते हुए कहा कि यह केस टैक्स देनदारी से ध्यान भटकाने की एक कोशिश लगती है. साथ ही पुलिस को दो हफ्तों में इस मामले की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है.
ओयो ने पेश किए दस्तावेजओयो के वकील आर.बी. माथुर और लिपि गर्ग ने कोर्ट को बताया कि कंपनी का संस्कारा से अब कोई व्यावसायिक रिश्ता नहीं है. कंपनी ने यह भी साफ किया कि उस प्रॉपर्टी पर कई बुकिंग्स ‘वॉक-इन’ थीं, जिन्हें संभवतः होटल स्टाफ ने सीधे दर्ज किया था. ओयो का कहना है कि वह पहले ही सभी ज़रूरी दस्तावेज संबंधित एजेंसियों को सौंप चुका है. इसके साथ ही, ओयो ने संस्कारा रिज़ॉर्ट के डायरेक्टर मदन सिंह जैन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि की कार्रवाई शुरू कर दी है.
पहले भी खारिज हुई थी सिविल याचिकाइससे पहले, संस्कारा ने जयपुर हाईकोर्ट में एक दीवानी याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दिया कि इनवॉइस जारी करने की जिम्मेदारी खुद रिज़ॉर्ट की थी, न कि ओयो की. कोर्ट ने यह भी दोहराया कि ओयो केवल एक प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर है और उसकी भूमिका सेवा और कमीशन तक सीमित है. अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होनी है. ओयो ने कहा है कि वह सभी जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेगा और आवश्यक जानकारी समय पर उपलब्ध कराएगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 24, 2025, 15:51 ISThomebusiness2.5 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में ओयो से जुड़े होटल की मुश्किलें बढ़ीं
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