अमेरिका से ट्रेड एग्रीमेंट: ठंडे बस्ते में गया भारत का डिजिटल कंपीटिशन बिल, किसे थी इससे दिक्कत?

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Last Updated:April 22, 2025, 17:11 ISTभारत और अमेरिका के व्यापार समझौते के चलते भारत ने डिजिटल कंपीटिशन बिल को फिलहाल टालने का फैसला किया है. समझा जा रहा है कि अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों की आपत्तियों के कारण यह कदम उठाया गया है, ताकि दोनों देशों क…और पढ़ेंहाइलाइट्सभारत ने डिजिटल कंपीटिशन बिल को टाला.अमेरिकी टेक कंपनियों की आपत्तियों के कारण यह कदम उठाया गया.भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित.नई दिल्ली. भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Trade Agreement) को लेकर काफी आगे बढ़ चुके हैं, जोकि देश के लिए एक अच्छी बात है. लेकिन उसके साथ ही एक और खबर निकलकर सामने आई है कि दोनों के संबंधों को ध्यान में रखते हुए कुछ चीजों को लेकर अपने कदम पीछे हटाने पड़ रहे हैं. पता चला है कि भारत सरकार अपने प्रस्तावित डिजिटल कंपीटिशन बिल को फिलहाल टालने जा रही है.

सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में सूत्रों ने बताया कि इस विधेयक के निकट भविष्य में संसद में पेश होने की संभावना कम है. सरकार का ध्यान अभी वॉशिंगटन के साथ शुरुआती व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर केंद्रित है.

इस बिल पर पिछले एक साल से काम किया जा रहा था. इसका मकसद बड़ी डिजिटल कंपनियां जैसे कि गूगल, अमेज़न, फेसबुक आदि को एक तय सीमा में रखकर काम करने के लिए कहा जाए. इस बिल के जरिए सरकार इन बड़ी कंपनियों पर कुछ नियम लागू करना चाहती थी, ताकि ऑनलाइन बाजार में कोई एक कंपनी बहुत ज़्यादा ताकतवर न हो जाए और छोटी कंपनियों को नुकसान न हो.

लेकिन, अमेरिका की सरकार और वहां की टेक्नोलॉजी कंपनियां इस बिल से खुश नहीं हैं. उनका मानना है कि यह बिल उनकी रास्ते का रोड़ा बन सकता है. अमेरिका ने भारत को यह भी इशारा दिया है कि अगर ये कानून लागू हुआ, तो इससे भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों पर गलत असर पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि अमेरिकी सरकार और वहां की इंडस्ट्री से उठी आपत्तियों के बाद फिलहाल इस बिल को टालने का फैसला लिया गया है.

भारत के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पहले इस बिल को लेकर कई लोगों से राय भी ली थी, जैसे कि डिजिटल कंपनियां, इंडस्ट्री के विशेषज्ञ, और नागरिक संगठन. कई लोगों ने इस बिल का समर्थन किया, क्योंकि इससे डिजिटल बाजार में निष्पक्षता आएगी. लेकिन कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर नियम बहुत सख्त हुए तो इससे नई टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और निवेश को नुकसान हो सकता है.

आगे बढ़ाने में सावधानी बरत रही सरकारअब ऐसा लगता है कि सरकार इस विधेयक को आगे बढ़ाने में सावधानी बरत रही है, क्योंकि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताएं जोरों पर हैं. कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री ने पहले ही स्पष्ट किया था कि सरकार इस विधेयक को जल्दबाजी में पेश करने के मूड में नहीं है. उनका कहना था कि उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और सहमति बनाने पर जोर है.

इस प्रस्ताव पर भारतीय और अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी कंपनियों की पैनी नजर है. जहां कुछ भारतीय हितधारक डिजिटल बाजारों में सख्त नियमों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ ने चेतावनी दी है कि इससे नवाचार और निवेश पर अनचाहे परिणाम हो सकते हैं.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 22, 2025, 17:11 ISThomebusinessअमेरिका से ट्रेड एग्रीमेंट: ठंडे बस्ते में गया भारत का डिजिटल कंपीटिशन बिल

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