राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में भारत-पाक सीमा के निकट एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय तस्करी का मामला सामने आया है। इस बार मामला हेरोइन की तस्करी से जुड़ा है, जिसमें पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। गिरफ्तार युवक पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजी गई हेरोइन को रिसीव करने वालों में से एक था और तस्करों को स्थानीय स्तर पर पनाह दे रहा था।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना 21 मार्च की है। जब बीएसएफ के खानूवाली कंपनी कमांडर पोस्ट इंचार्ज दीपक कुमार ने रावला थाना पुलिस को सूचना दी कि रावला क्षेत्र के रोही चक तीन केएनएम स्थित एक खेत में संदिग्ध पैकेट पड़ा है। जब रावला एसएचओ नवनीत सिंह मौके पर पहुंचे और जांच की गई, तो उसमें दो पॉलीथिन की थैलियों में कुल 3.32 किलो हेरोइन बरामद हुई।
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पुलिस पूछताछ में स्वीकार की संलिप्तता
पहले तो आसपास पूछताछ के बावजूद कोई संदिग्ध सामने नहीं आया, लेकिन पुलिस ने जांच जारी रखी। इसी दौरान मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस को पता चला कि इस तस्करी से चक 5 बीडीबी ढाणी निवासी अमनदीप सिंह पुत्र अमरजीत सिंह का नाम जुड़ा हुआ हो सकता है। संदेह के आधार पर जब पुलिस ने अमनदीप को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की, तो उसने हेरोइन तस्करी में संलिप्त होने की बात स्वीकार कर ली।
पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस अब अमनदीप से मिली जानकारी के आधार पर पूरे तस्करी नेटवर्क की परतें खोलने में लगी है। इस केस में घड़साना थाने के सीआई महावीर प्रसाद, सिपाही रामकिशन, प्रदीप, सुनील और बीआई घड़साना के हवलदार शीशपाल की भूमिका अहम रही। हवलदार शीशपाल ने गांव-गांव जाकर स्थानीय स्तर पर जांच की और लोगों से जानकारी जुटाकर आरोपित को पकड़वाने में सफलता पाई।
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पंजाब कनेक्शन की भी जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस तस्करी प्रकरण में पंजाब के तस्करों की भी भूमिका सामने आ सकती है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं। पुलिस का मानना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क से जुड़ा एक बड़ा षड्यंत्र है, जिसमें स्थानीय और बाहरी तस्करों की मिलीभगत है।