चीन की चपेट में नेपाल! पोखरा एयरपोर्ट को बनाया लूट का अड्डा, जानें ड्रैगन ने कैसे कर दिया खेल?

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China Developed Pokhara Airport: नेपाल के दूसरे सबसे बड़े शहर पोखरा में करोड़ों डॉलर खर्च कर बनाए गए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एक सरकारी जांच में पता चला है कि इस प्रोजेक्ट में चीन की सरकारी कंपनी ने घटिया उपकरणों का इस्तेमाल किया और काम तय मानकों के अनुसार नहीं किया.
जांच में यह भी सामने आया है कि चीनी कंपनी ने प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए नेपाल के कुछ अधिकारियों और सांसदों को रिश्वत दी. इतना ही नहीं, कंपनी ने कुछ ऐसे कामों की भी मंजूरी ले ली जो उसने कभी किए ही नहीं. पोखरा एयरपोर्ट को लेकर बनी संसदीय समिति ने गुरुवार (17 अप्रैल) को 36 पेज की रिपोर्ट जारी की, जिसमें ये सारे खुलासे किए गए हैं.
नेपाल की जांच समिति ने किया बड़ा खुलासा
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल की जांच समिति ने खुलासा किया है कि चीन की सरकारी कंपनी CAMC इंजीनियरिंग ने पोखरा एयरपोर्ट बनाने में घटिया सामान का इस्तेमाल किया और काम भी सही तरीके से नहीं किया. इससे पहले साल 2023 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस चीनी कंपनी ने प्रोजेक्ट की लागत जानबूझकर बढ़ा दी थी और नेपाल के प्रयासों को कमजोर किया था. इसके बाद नेपाल सरकार ने 11 लोगों की एक टीम बनाकर इस प्रोजेक्ट की जांच शुरू की थी. 
नेपाल को थी ये उम्मीद
नेपाल को उम्मीद थी कि पोखरा में बना नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश में पर्यटन बढ़ाएगा और विदेशी यात्रियों की संख्या भी ज्यादा होगी, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ. अभी पोखरा के लिए हफ्ते में सिर्फ एक ही अंतरराष्ट्रीय उड़ान चल रही है. नेपाली मीडिया की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने एयरपोर्ट बनाने के लिए जो कर्ज दिया था, उसकी ब्याज दर अब बढ़ा दी है. इससे नेपाल पर कर्ज का बोझ और ज्यादा हो गया है. माना जा रहा है कि चीन नेपाल को कर्ज के जाल में फंसा रहा है. अब नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने चीन से औपचारिक तौर पर यह मांग की है कि एयरपोर्ट पर लिया गया 21.6 करोड़ डॉलर का कर्ज माफ कर दिया जाए और उसे अनुदान में बदल दिया जाए.
रिपोर्ट में सामने आई ये बात
रिपोर्ट में बताया गया है कि नेपाल के अधिकारियों ने चीन की कंपनी CAMC को 1.6 करोड़ डॉलर (लगभग 16 मिलियन डॉलर) का टैक्स माफ कर दिया, जबकि समझौते (कॉन्ट्रैक्ट) में साफ लिखा था कि कंपनी को चीन से लाए गए उपकरणों पर सीमा शुल्क और वैट (मूल्य वर्धित कर) देना होगा. कॉन्ट्रैक्ट में यह भी तय था कि पोखरा एयरपोर्ट पर टेकऑफ और लैंडिंग के लिए दो रनवे होंगे, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां केवल एक ही रनवे इस्तेमाल हो रहा है. दूसरा रनवे सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है.
जांच अधिकारी राजेंद्र लिंगडेन ने कही ये बात
पोखरा एयरपोर्ट घोटाले की जांच कर रहे राजेंद्र लिंगडेन ने कहा है कि यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है. उन्होंने मांग की कि इसमें शामिल अफसरों और नेताओं को सजा दी जानी चाहिए. संसदीय समिति को डर है कि एयरपोर्ट से जुड़े जरूरी कागजात नष्ट किए जा सकते हैं इसलिए समिति ने विमानन विभाग के बड़े अफसरों को सस्पेंड (निलंबित) करने की सिफारिश की है. इसमें विभाग के मौजूदा प्रमुख (महानिदेशक) का नाम भी शामिल है.
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