Last Updated:April 19, 2025, 08:08 ISTभारतीय रेलवे ट्रेनों में लोको पायलट की परेशानी को ध्यान में रखते हुए इंजन में टॉयलेट बना है. इसका सबसे बड़ा फायदा महिला लोकोपायलट को होगा. नए इंजनों में लगाने के साथ पुराने में रेट्रोफिटिंग कराई जा रही है.लोको पायलट के लिए स्टेशनों पर भी खास इंतजाम.नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ट्रेनों में लोको पायलट की परेशानी को ध्यान में रखते हुए इंजन में टॉयलेट बना रहा है. इसका सबसे बड़ा फायदा महिला लोकोपायलट को होगा. सभी नए लोकोमोटिव्स में शौचालय लगाए जा रहे हैं. वहीं, पुराने लोकोमोटिव्स में शौचालय लगाने के लिए रेट्रोफिटिंग की जा रही है. इसके लिए डिज़ाइन में संशोधन भी किए जा रहे हैं. यह बदलाव धीरे धीरे सभी लोकोमोटिव्स में लागू होगी.
रेलवे के अनुसार लोको पायलट भारतीय रेल परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. उनके वर्किंग कंडीशन को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. पिछले 10 वर्षों में लोको पायलटों के सभी रनिंग रूम को वातानुकूलित किया गया है. 2014 से पहले देश का एक भी रनिंग रूम वातानुकूलित नहीं था.
10 सालों में बदलाव
पिछले 10 वर्षों में आधे से ज़्यादा लोको केबिनों को एर्गोनोमिक सीटों, वातानुकूलन और अन्य सुधारों के साथ अपग्रेड किया गया है. 2014 से पहले एक भी लोको केबिन वातानुकूलित नहीं था. जिन मार्गों पर भारी ट्रैफिक रहता है, वहां नए रनिंग रूम बनाए जा रहे हैं. इन प्रयासों से लोको पायलटों के वर्किंग आवर्स में कमी आई है.
सबअर्बन तथा मेट्रो ट्रेनों में व्यवस्था
सबअर्बन कम दूरी में चलती हैं और इनके चालक दल टर्मिनल स्टेशनों पर शौचालय का उपयोग करते हैं.वहीं पैसेंजर ट्रेनों पर काम करने वाले कर्मचारी स्टेशन पर ट्रेन के खड़े रहने के दौरान ट्रेन के शौचालय का उपयोग करते हैं और इस समय का उपयोग नाश्ते के लिए भी करते हैं. स्टेशन के कर्मचारी लोको पायलटों को सहयोग करते हैं. लोको पायलटो को वॉकी टॉकी की सुविधा भी दी गई है इसके द्वारा वह स्टेशन कर्मचारियों के संपर्क में रहते हैं. मालगाड़ी सबअर्बन ट्रेन और पैसेंजर, मेल एक्सप्रेस गाड़ियों का परिचालन करने वाले लोको पायलटों के टॉयलेट ब्रेक और स्नेक्स की व्यवस्था रहती है. मालगाड़ियां कई स्टेशनों और यार्ड में रुकती हैं. इन स्टेशनों पर पर्याप्त समय होता है, जिससे कर्मचारी टॉयलट का उपयोग कर सकते हैं.
कोहरे में सुरक्षा के लिए फॉग
सेफ्टी उपकरण, कवच, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम और इंप्रूव्ड ब्रेकिंग सिस्टम जैसी तकनीकों से रेलवे सेफ्टी बेहतर हुई है और लोको पायलटो को भी काफी सुविधा मिली है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 19, 2025, 08:08 ISThomebusinessमहिला लोको पायलट को टॉयलेट की नहीं होगी परेशानी, पुराने इंजनों में ये इंतजाम
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News