दुनियाभर के बाजारों में तहलका मचा हुआ है. पिछले 6-7 महीनों में न केवल निवेशकों ने, बल्कि बड़े-बड़े अरबपतियों ने अपनी पूंजी का नुकसान झेला है. लेकिन इस बीच दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफेट ने पैसा कमाया है. अब वॉरेन बफेट को लेकर ही एक और रिपोर्ट सामने आई है, जो यह बताती है कि उनके पास फिलहाल इतना कैश पड़ा हुआ है कि यदि वे चाहें तो भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के बराबर मार्केट कैप जैसी 2-3 कंपनियां खरीद सकते हैं. जी हां, उनके पास 334 बिलियन डॉलर का बेशुमार पैसा रखा हुआ है. इतनी राशि उनके पास कैश में पहले कभी नहीं रही.
भारत में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का मार्केट कैप लगभग 139 बिलियन डॉलर का है, लेकिन बर्कशायर हाथवे के सीईओ वॉरेन बफेट के पास 334 बिलियन डॉलर पड़े हैं. सीएनबीसी टीवी18 ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि वे इतने पैसे से एस एंड पी 500 (S&P 500) की निचली 476 कंपनियां खरीद सकते हैं. बता दें कि S&P 500 में अमेरिका की बड़ी कंपनियों का 80% हिस्सा है.
2024 में बर्कशायर ने $134 बिलियन के शेयर बेचे और साल के अंत में उनके पास पहले से डबल कैश था. बफेट ने ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी बड़ी हिस्सेदारी कम करके कैश जमा किया. चौथी तिमाही में उन्होंने बैंक ऑफ अमेरिका में अपनी हिस्सेदारी 8.9% कर दी और 117.5 मिलियन शेयर बेचे. 2024 की शुरुआत में बर्कशायर ने ऐपल की हिस्सेदारी भी घटाई थी, लेकिन साल के आखिरी में इसे नहीं बदला. ऐपल अब भी उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग है और उनके पोर्टफोलियो का 28% हिस्सा है.
क्यों जमा किया इतना पैसाबर्कशायर के शेयरधारकों को लिखे अपने लेटर में वॉरेन बफेट ने बताया कि 2024 के अंत में कंपनी के पास $334 बिलियन कैश क्यों है. उनकी यह रणनीति सफल रही, क्योंकि 2025 में बर्कशायर हाथवे के शेयर 17% ऊपर हैं जबकि S&P 500 8 फीसदी गिरा है. फिर भी बफेट ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनका ज्यादातर पैसा अब भी स्टॉक्स में है, खासकर US स्टॉक्स में. उन्होंने कहा कि यह जल्दी नहीं बदलेगा. लेटर में लिखा, “बर्कशायर कभी भी कैश जैसे एसेट्स को अच्छे बिजनेस के ऊपर प्राथमिकता नहीं देगा, चाहे हम उन्हें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्यों न रखते हों.”
क्या है वॉरेन बफेट की निवेश रणनीतियह तो सब जानते हैं कि वॉरेन बफेट ने शेयर बाजार से बहुत पैसा कमाया है. उनकी निवेश रणनीति काफी साफ है, जो उनके ही कहे एक वाक्य से स्पष्ट हो जाती है. वे अकसर कहते रहे हैं शेयर बाजार में जब लोग लालची हो जाते हैं तो आपको डरना चाहिए और पैसा निकालने के बारे में सोचना चाहिए. इसके उलट, जब लोग काफी डरे हुए हों, तब आपको लालची हो जाना चाहिए.
जब शेयर बाजार खूब कुलांचे भर रहा था, तब वे ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका के शेयर बेच रहे थे और कैश जमा कर रहे थे. अब जबकि पूरी दुनिया के शेयर बाजार गिर चुके हैं और ज्यादातर निवेशक घबराए हुए हैं तो संभव है कि वे कुछ ऐसी कंपनियों में पैसा लगाएं, जो उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित हो.
अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावटइस बीच, मंगलवार को US स्टॉक्स में हल्की गिरावट आई, क्योंकि निवेशकों ने पहली तिमाही के ताजा अर्निंग रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया. Dow Jones Industrial Average में 155.83 पॉइंट्स यानी 0.38% की गिरावट आई और यह 40,368.96 पर बंद हुआ. S&P 500 0.17% गिरकर 5,396.63 पर बंद हुआ. Nasdaq Composite 0.05% गिरकर 16,823.17 पर बंद हुआ. ये तीनों इंडेक्स पिछले लगातार दो सेशन में बढ़ोतरी के बाद गिरे.
मंगलवार के हल्के मूव्स हाल के सेशन की अस्थिरता के विपरीत थे. CBOE Volatility Index या VIX, जो वॉल स्ट्रीट का “डर का मीटर” कहलाता है, लगभग 30 पर गिर गया, जबकि पिछले हफ्ते यह लगभग 60 तक पहुंचा था. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अनिश्चितता के बाद US स्टॉक्स में और उथल-पुथल हो सकती है.
विश्लेषक क्रेग जॉनसन ने कहा, “टेक्निकली, हम अभी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि हम SPX को मार्च के निचले स्तर से ऊपर उठते और इसके 50-/200-दिन के MAs के करीब 5,750-5,800 तक बढ़ते हुए देखना चाहेंगे. निवेशक मैक्रो पिक्चर की उथल-पुथल के बावजूद इक्विटी मार्केट में वापस आ रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि निवेशक अस्थायी रूप से टैरिफ से ध्यान हटाकर अर्निंग्स पर ध्यान केंद्रित करेंगे.”
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News