सीहोर जिले की नसरुल्लागंज कोर्ट ने ईव मिरेकल ज्वेलर्स लिमिटेड कंपनी (जयपुर) के संचालक द्वारा 607 लोगों से 1 करोड़ 13 लाख 63 हजार 961 रुपए की ठगी करने पर कंपनी के सीईओ को 3 साल के सश्रम कारावास और 3 करोड़ 9 लाख 75 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, तहसील नसरुल्लागंज, ऊषा तिवारी ने मंगलवार को सुनाया।
विशेष लोक अभियोजक शिरीष उपासनी ने बताया कि फरियादी कैलाश नारायण जाट ने थाना नसरुल्लागंज में 20 फरवरी 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया कि वह ग्राम रिछारिया करीम, थाना नसरुल्लागंज का निवासी है। ईव मिरेकल ज्वेलर्स लिमिटेड, 112 बी वृंदावन विहार, किंग्स रोड, निर्माण नगर, अजमेर रोड, जयपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवराज शर्मा पिता राधेश्याम, और संचालक हरीश शर्मा दोनों निवासी जयपुर राजस्थान कंपनी का संचालन करते हैं।
शिवराज शर्मा और हरीश शर्मा ने फरियादी को ऊंचे सब्जबाग दिखाकर सोना खरीदने के लिए बुकिंग पूंजी पर 10 प्रतिशत सुनिश्चित ग्रोथ के रूप में लाभ देने का वादा किया था। उन्होंने चेन सिस्टम की स्कीम 24 सितंबर 2009 को शगुन मैरिज गार्डन, नसरुल्लागंज में आकर समझाई थी।
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675 निवेशकों से सोना बुकिंग के नाम पर राशि जमा कराई गई
संचालक शिवराज शर्मा ने बताया था कि 1 लाख 20 हजार 480 रुपए की बुकिंग करने पर 18 माह में ग्रोथ के रूप में 1 करोड़ 76 लाख 90 हजार 40 रुपए नकद प्राप्त होंगे। प्रबंध संचालक शिवराज शर्मा ने निश्चित 10 प्रतिशत ग्रोथ एवं कमीशन का आश्वासन देकर 675 निवेशकों से सोना बुकिंग के नाम पर राशि जमा कराई। लेकिन, बाद में स्कीम के अनुसार रुपये वापस नहीं देकर 1 करोड़ 13 लाख 63 हजार 961 रुपए की धोखाधड़ी की।
कुछ दिन बाद मुनाफे के चेक मिलना बंद हुए
फरियादी की जमा आईडी पर कुछ समय तक मुनाफे के चेक मिले, लेकिन अचानक बंद हो गए। चेक बंद होने पर फरियादी ने थाना नसरुल्लागंज में लिखित रिपोर्ट दी, जिस पर शिवराज शर्मा, हरीश शर्मा और अन्य कंपनी संचालकों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिला दंडाधिकारी, सीहोर द्वारा मप्र निक्षेपकों के संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत ईव मिरेकल कंपनी की संपत्तियों एवं बैंक खातों को कुर्क किया गया। उक्त आदेश की पुष्टि न्यायालय द्वारा भी की गई है।
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अर्थदंड की राशि से निवेशकों को प्रतिकर दिलाने का आदेश
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ऊषा तिवारी ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को विश्वसनीय मानते हुए अभियुक्त को दोषी पाया। न्यायालय द्वारा निर्णय में उल्लेख किया गया है कि कुल अर्थदंड राशि 3 करोड़ 9 लाख 75 हजार रुपए में से निवेशकों को प्रतिकर दिलाने का भी आदेश पारित किया गया है।
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