किराये का फ्लैट हो या खुद का, सभी को हर महीने देना होगा टैक्‍स!

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Last Updated:April 15, 2025, 16:13 ISTGst on Societies : नोएडा-दिल्‍ली सहित देशभर के बड़े शहरों में स्थित हाउसिंग सोसाइटीज में रहने वालों पर एक और खर्चा बढ़ने वाला है. सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर बताया है कि इन सोसाइटीज की ओर से लिए जाने वाले मेंटे…और पढ़ेंहाउसिंग सोसाइटी को मेंटनेंस पर 18 फीसदी जीएसटी भी चुकाना होगा. हाइलाइट्ससोसाइटी मेंटेनेंस पर 18% जीएसटी लगेगा.7500 रुपये से अधिक मेंटेनेंस पर जीएसटी लागू होगा.सालाना टर्नओवर 20 लाख से अधिक होने पर जीएसटी लगेगा.नई दिल्‍ली. दिल्‍ली, नोएडा सहित देशभर के बड़े शहरों की सोसाइटियों में रहने वालों के लिए बुरी खबर है. अब इन सोसाइटी में रहने वालों को हर महीने किराये के साथ टैक्‍स का भी भुगतान करना होगा. केंद्रीय अप्रत्‍यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड (CBIC) ने एक सर्कुलर जारी कर स्‍पष्‍ट किया है कि हाउसिंग सोसाइटी की ओर से हर महीने लिए जाने वाले रखरखाव खर्च पर अब जीएसटी का भी भुगतान करना पड़ेगा. हाउसिंग सोसाइटी के तहत हाईराइज सोसाइटी के अलावा बड़े शहरों के नगर निगम के तहत आने वाली सोसाइटीज भी शामिल हैं.

सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर बताया है कि जिन हाउसिंग सोसाइटीज की ओर से हर महीने प्रति फ्लैट 7,500 रुपये से ज्‍यादा मेंटेनेंस वसूला जाएगा, उन्‍हें साथ में 18 फीसदी जीएसटी का भी भुगतान करना होगा. इसका मतलब है कि अगर किसी सोसाइटी में प्रति फ्लैट 9,000 रुपये का मेंटेनेंस चार्ज लिया जा रहा है तो उन्‍हें इस पर 18 फीसदी का जीएसटी भी देना पड़ेगा. यह 18 फीसदी टैक्‍स पूरे 9 हजार रुपये की रकम पर लगाया जाएगा, न कि 7,500 रुपय से ऊपर की 1,500 रुपये की राशि पर. इसका मतलब हुआ कि मेंटेनेंस के साथ 18 फीसदी जीएसटी (1,620 रुपये) मिलाकर कुल 10,600 रुपये देने होंगे. वैसे यह टैक्‍स सोसाइटीज से वूसला जाएगा, लेकिन सभी जानते हैं कि आखिरी में इसका बोझ सोसाइटी में रहने वालों पर ही आएगा.

2 शर्त पर ही लगेगा जीएसटीसीबीआईसी ने अपने सर्कुलर में बताया है कि मेंटेनेंस पर जीएसटी की व्‍यवस्‍था साल 2019 से ही लागू है. इस कानून को लेकर कई सोसाइटियों और वहां रहने वालों के बीच भ्रम पैदा हो रहा था. इस भ्रम को दूर करने के लिए ही सर्कुलर जारी किया गया है. सीबीआईसी ने स्‍पष्‍ट किया है कि जीएसटी सभी देना होगा जबकि सोसाइटी के हर फ्लैट वालों से 7,500 रुपये से ज्‍यादा का मेंटेनेंस वसूला जा रहा होगा. इसके अलावा सोसाइटी का सालाना टर्नओवर 20 लाख या उससे ज्‍यादा होना चाहिए. अगर इसमें से कोई भी एक शर्त पूरी नहीं होती है तो उस सोसाइट पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा.

मेंटेनेंस में क्‍या-क्‍या शामिलसोसाइटी के मेंटेनेंस में मरम्मत और रखरखाव शुल्क के साथ सिंकिंग फंड योगदान और कार पार्किंग शुल्क भी शामिल होगा. इसके अलावा एनओसी और लेट पेमेंट ब्‍याज अथवा जुर्माना भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा सोसाइटी द्वारा अपने जनरेटर या बोरवेल से आपूर्ति की गई बिजली या पानी के शुल्क पर भी जीएसटी लागू होता है.

इस तरह की फीस पर नहीं लगेगा जीएसटीसोसाइटी की ओर से लिए जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्‍स, नगर निकायों द्वारा बिल किए गए पानी के शुल्क, नॉन एग्रीकल्‍चर टैक्‍स, राज्य उपयोगिताओं से लिया गया बिजली शुल्क भी लीगल लायबिलिटीज माने जाते हैं, सेवा शुल्क नहीं. लिहाजा इसे भी जीएसटी के दायरे से बाहर बाहर रखा गया है. खास बात ये है कि 7,500 रुपये से एक भी रुपये ज्‍यादा होते हैं तो मेंटेनेंस की पूरी राशि पर जीएसटी लगाया जाएगा. मसलन, अगर 7,600 रुपये मेंटेनेंस है तो सिर्फ 100 रुपये पर जीएसटी नहीं लगेगा बल्कि पूरे 7600 रुपये 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा.

…तो जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन की जरूरत नहींसीबीआईसी ने साफ कहा है कि अगर किसी हाउसिंग सोसाइटी का सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम है तो उन्‍हें जीएसटी के तहत पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है. भले ही सोसाइटी के कुछ सदस्‍य 7500 रुपये से ज्‍यादा का मेंटेनेंस हर महीने भुगतान कर रहे हैं. सीबीआईसी का यह नियम छोटी सोसाइटियों को राहत प्रदान करेगा. इसका मतलब है कि सिर्फ बड़ी और व्‍यावसायिक सोसाइटियां ही टैक्‍स के दायरे में आएंगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 15, 2025, 16:13 ISThomebusinessकिराये का फ्लैट हो या खुद का, सभी को हर महीने देना होगा टैक्‍स!

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