बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से ठीक पहले सवाई माधोपुर के बौंली में स्थित अंबेडकर सर्कल पर हुई तोड़फोड़ की घटना ने इलाके की राजनीति को गरमा दिया है। घटना को लेकर कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा और भाजपा मंडल अध्यक्ष हनुमत दीक्षित के बीच जोरदार टकराव देखने को मिला। यह विवाद अब महज एक प्रतिमा को लेकर नहीं, बल्कि संविधान की मूल भावना, सामाजिक न्याय और प्रशासनिक निष्क्रियता पर एक बड़ा राजनीतिक विमर्श बनता जा रहा है।
विधायक ने लगाया बीजेपी से जुड़े असामाजिक तत्वों पर आरोप
विधायक इंदिरा मीणा ने इस घटना को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तीखा बयान साझा करते हुए लिखा कि बौंली में संविधान और बाबा साहेब के विरोधियों का असली चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में उनके प्रयासों से अंबेडकर सर्कल का निर्माण कराया गया था और उसका सौंदर्यीकरण कार्य अभी भी चल रहा था। लेकिन जयंती से ठीक पहले कुछ असामाजिक तत्वों (जो उनके अनुसार भाजपा से जुड़े हैं) ने शराब के नशे में निर्माण कार्य को रोका, उद्घाटन पट्टिका को तोड़ा और टाइलों को नुकसान पहुंचाया।
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पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप
इंदिरा मीणा ने घटना के दौरान पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि जब एक पुलिसकर्मी ने घटना का वीडियो बनाना चाहा, तो उसे गालियां दी गईं और अपमानित किया गया। बावजूद इसके पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की, बल्कि उन्हें संरक्षण देने का काम किया। उन्होंने इसे प्रशासन की कमजोरी और मिलीभगत का उदाहरण बताया और इस शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा की।
‘बाबा साहेब पर हमला, संविधान पर हमला’
अपने बयान में विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों और शोषितों की आशा और आवाज हैं। उन्होंने कहा कि अंबेडकर की प्रतिमा से छेड़छाड़ सिर्फ एक मूर्ति को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि यह उस संविधान पर हमला है जो हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है।
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लोकतांत्रिक नींव को बताया खतरे में
इंदिरा मीणा ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा शासन में लगातार महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटनाएं न केवल समाज को विभाजित करने का प्रयास हैं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक नींव पर भी सीधा प्रहार हैं। उन्होंने प्रशासन से इस घटना की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।