सीकर जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल जीण माता मंदिर को संत समाज के निर्णय के बाद अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। यह निर्णय 3 अप्रैल को मुख्य मेले के दौरान हुए विवाद के मद्देनजर लिया गया है, जिसमें अब तक दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
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आज संतों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा जाएगा। बैठक में संत समाज ने एकमत से फैसला लिया कि माता के केवल पूजा-अर्चना का कार्य संपन्न किया जाएगा, लेकिन आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दर्शन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगे।
गौरतलब है कि 3 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि के मुख्य मेले के अवसर पर मंदिर परिसर में एक विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिससे वातावरण अशांत हो गया था। इस घटना से संत समाज और स्थानीय श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश है। संतों ने प्रशासन से कई बार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन सात दिन बीतने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आज हुई बैठक के बाद जीण माता मंदिर ट्रस्ट ने संतों के निर्णय का सम्मान करते हुए मंदिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की आधिकारिक घोषणा की। ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि मंदिर में नित्य पूजा, आरती और धार्मिक विधियों का निर्वहन जारी रहेगा, लेकिन दर्शन व्यवस्था स्थगित रहेगी।
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इस निर्णय से श्रद्धालुओं में निराशा का माहौल है, लेकिन संत समाज का कहना है कि मंदिर की गरिमा और सुरक्षा सर्वोपरि है। जब तक प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक मंदिर के द्वार आम जन के लिए नहीं खुलेंगे। फिलहाल संत समाज, मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन के बीच संपर्क और वार्ता की प्रक्रिया जारी है। श्रद्धालुओं से संयम बरतने और स्थिति सामान्य होने तक प्रतीक्षा करने की अपील की गई है।