नई दिल्ली. दिल्ली से सटे नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में सरकार ने अधिग्रहित जमीन की एनओसी जारी करने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा, पूर्व में जारी की किए गए नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) के मामलों का सेटलमेंट संबंधित जिलों में ही किया जाएगा. एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सभी 6 जिलों के यीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को लेटर भेजा है.
दरअसल, अलीगढ़, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा और आगरा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा कई प्रोजेक्ट लाए जाने वाले हैं. इन जिलों में यीडा द्वारा अधिग्रहति जमीन का लैंडयूज, लोकल लेवल पर परिवर्तन करने के मामले सामने आए हैं, इस लेकर यीडा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. अलीगढ़ समेत इन 6 जिलों में यीडा अधिग्रहित जमीन पर कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आने वाले हैं. इनमें लॉजिस्टिक पार्क व अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं.
आदेश में क्या कहा गया
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण के नोटिफाइड इलाके में आवंटित भूमि महायोजना और भवन विनियमावली के प्रावधानों की अनदेखी कर विभिन्न तरह के निर्माण के लिए एनओसी जारी करने की बात सामने आई है.
NOC क्या होती है
एनओसी का मतलब होता है नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट, किसी भी तरह के कानूनी, सरकारी या निजी कार्य में अगर किसी तीसरे पक्ष की अनुमति या सहमति ज़रूरी है तो NOC जारी की जाती है.
इससे यह साबित होता है कि उस पक्ष को कोई आपत्ति नहीं है और आप कानूनी रूप से आगे बढ़ सकते हैं. प्रॉपर्टी के मामले में बिल्डर, सोसाइटी, या नगरपालिका से NOC ली जाती है ताकि यह साबित हो सके कि ज़मीन/फ्लैट पर कानूनी विवाद नहीं है.
उधर, यीडा ने अपने लेटर में निर्देश दिए हैं कि यमुना प्राधिकरण से एनओसी जारी किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में संबंधित कार्यालय से इन्हें निरस्त किया जाएगा, और इस जमीन पर किसी तरह का नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा.
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