‘बांग्लादेश से जवाब मांगेगा…’, PM मोदी और मोहम्मद यूनुस की मीटिंग को कैसे देखता है पाकिस्तान?

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‘बांग्लादेश से जवाब मांगेगा…’, PM मोदी और मोहम्मद यूनुस की मीटिंग को कैसे देखता है पाकिस्तान?

PM Modi-Muhammad Yunus Meeting: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच ये पहली बार मुलाकात हुई. शेख हसीने के बाद प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ चुकी है इसलिए इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था. इस बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस को नसीहत देते हुए कहा था कि ऐसा कोई भी बयान जो द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है, उसे देने से बचना चाहिए. पीएम मोदी और यूनुस की मीटिंग को लेकर नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बासित ने यूट्यूब चैनल पर बात की है. 
अब्दुल बासित ने इस वीडियो की हेडलाइन ही रखी है- ‘भारत का बांग्लादेश को सख्त जवाब’. उन्होंने कहा कि भारत बिम्सटेक के दौरान मोहम्मद यूनुस की पीएम मोदी से मुलाकात के लिए तैयार नहीं था, लेकिन बांग्लादेश के बार-बार कहने पर यूनुस को मिलने का समय दिया गया. उन्होंने कहा कि आमतौर पर जब दो देशों के बड़े नेताओं के बीच मुलाकात होती है तो उन देशों की ओर से ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया जाता है. पूर्व पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने साल 2015 की पीएम मोदी और नवाज शरीफ की मुलाकात का हवाला दिया, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान की ओर से ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया था, लेकिन मोहम्मद यूनुस और मोदी की मुलाकात के बाद ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी नहीं किया जाना कई बातों का संकेत देता है. 
बातचीत के दरवाजे बंद नहीं करना चाहता भारत: बासित 
पूर्व पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, ‘हो सकता है कि इसके पीछे एक वजह ये रही हो कि मुलाकात काफी कम समय में तय की गई हो और काफी कम समय की मीटिंग हुई. ऐसे में दोनों देश ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करने के लिए किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे. मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने पीएम नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भी कई अनर्गल दावे किए थे. मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने कहा कि अल्पसंख्यकों के मुद्दों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया और ज्यादातर मामले मनगढ़ंत थे. अब्दुल बासित ने इसे लेकर कहा कि ‘हो सकता है कि भारत की तरफ से प्रतिक्रिया सकारात्मक रहा हो, लेकिन इसके पीछे वजह ये हो सकती है कि भारत डिप्लोमेसी के सभी दरवाजे बंद नहीं रखना चाहता है.’
बांग्लादेश से जवाब मांगेगा भारत: अब्दुल बासित 
अब्दुल बासित के मुताबिक, हिंदुओं के साथ होने वाली हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने मोहम्मद यूनुस से सख्ती से बात की. उन्होंने कहा कि जब दो देशों के रिश्ते में इस तरह के तनाव आते हैं तो एक मुलाकात से चीजों में बदलाव नहीं आता. इसके लिए कई मुलाकातों की जरूरत होती है. भारत फिलहाल बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन के बीच बनने वाले समीकरण पर नजर रखना चाह रहा है. अब्दुल बासित ने कहा कि भारत की चिंता नॉर्थ ईस्ट को लेकर हो सकती है और आने वाले वक्त में वो बांग्लादेश से इस पर और जवाब मांगेगा.

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