नई दिल्ली. देश में इनकम टैक्स अदा करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है, अगर आय कर मुक्त सीमा से ज्यादा हो. हालांकि, इनकम टैक्स के मोर्चे पर सरकार ने बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया है, लेकिन अगर इनकम इससे ज्यादा हो तो टैक्स अदा करना पड़ेगा. आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में एक राज्य ऐसा है जहां 12 लाख क्या, साल की कमाई 12 करोड़ भी हो तो एक पैसा टैक्स नहीं देना होता है.
इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन यह सच है. दरअसल, देश में सिक्किम एक ऐसा राज्य है जहां के नागरिकों को कोई टैक्स नहीं देना होता है. इसके पीछे एक खास वजह है. आइये आपको बताते हैं
सिक्किम में इनकम टैक्स क्यों नहीं लगता
सिक्किम को 1975 में इस शर्त पर भारत में विलय किया गया था कि इसके पुराने कानून और विशेष दर्जा बरकरार रहेगा. इस पूर्वोत्तर राज्य ने अपने स्वयं के सिक्किम आयकर मैनुअल 1948 का पालन किया, जो 1975 से कर कानूनों को नियंत्रित करता है. इस नियम के तहत, सिक्किम के किसी भी निवासी को भारत सरकार को टैक्स नहीं देना होता है.
किस कानून के तहत कर से छूट
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2008 में सिक्किम के कर कानून निरस्त कर दिए गए. उस वर्ष केंद्रीय बजट में धारा 10 (26AAA) डालकर राज्य के निवासियों को टैक्स से छूट दी गई. इस अधिनियम में एक धारा सिक्किम को दिए गए विशेष दर्जे की रक्षा करती है और अनुच्छेद 371 (एफ) के अनुसार “सिक्किमियों” को शामिल किया गया.
2008 में, केंद्र सरकार ने सिक्किम के 94% से अधिक लोगों को आयकर से छूट दी. वहीं, धारा 10 (26AAA) के तहत, सिक्किम के व्यक्तियों को शेयरों पर डिविडेंड या रिटर्न के रूप में अर्जित आय पर भी छूट दी गई थी.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि धारा 10 (26AAA) के तहत उपलब्ध कर छूट का लाभ सभी सिक्किमी लोगों को मिलेगा, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो सिक्किम के भारत में विलय से पहले राज्य में स्थायी रूप से बस गए थे.
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