टॉयलेट पेपर तक के लिए तरसेगा US! ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से बढ़ने वाली है महंगाई

Must Read

Last Updated:March 28, 2025, 18:36 IST

US Tariff War: राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की जो जंग शुरू की है, उसका खामियाजा अमेरिकी जनता को भुगतना पड़ रहा है. घरों में टॉयलेट पेपर खत्म होने का संकट सिर पर मंडरा रहा है.

टैरिफ वॉर के चलते अमेरिका में हो सकती है टॉयलेट पेपर की किल्लत!

हाइलाइट्स

  • ट्रंप की टैरिफ नीति से टॉयलेट पेपर की कमी हो सकती है.
  • कनाडा से आयातित लकड़ी पर 27% अतिरिक्त शुल्क प्रस्तावित.
  • टैरिफ से टॉयलेट पेपर की कीमतें बढ़ सकती हैं.

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां देश का भट्ठा बैठा सकती हैं! उनकी प्रस्तावित आयात शुल्क (टैरिफ) की नीति के कारण टॉयलेट पेपर की सप्लाई पर संकट आ सकता है. यह स्थिति कोविड-19 महामारी के दौरान हुई टॉयलेट पेपर की कमी की याद दिलाती है, जब घबराहट में खरीदारी करने वालों ने दुकानों के शेल्फ खाली कर दिए थे. इसके अलावा, टॉयलेट पेपर की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है. तो आखिर, टैरिफ वॉर कैसे टॉयलेट पेपर की कमी का कारण बन सकता है? आइए विस्तार से समझते हैं:

टॉयलेट पेपर की कमी क्यों होगी?

ट्रंप प्रशासन ने कनाडा से आयातित लकड़ी पर 27% अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है. इसका सीधा असर उत्तरी ब्लीच्ड सॉफ्टवुड क्राफ्ट पल्प (NBSK) पर पड़ेगा, जो अमेरिकी टॉयलेट पेपर और पेपर टॉवल बनाने के लिए एक आवश्यक कच्चा माल है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यदि अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है, तो कुल टैरिफ 50% से अधिक हो सकता है.

अमेरिका में टॉयलेट पेपर का लगभग 10% आयात होता है, जिसमें से आधा कनाडा से आता है. कनाडाई सॉफ्टवुड पल्प के कुछ विशेष गुण होते हैं, जिन्हें अमेरिकी विकल्पों से आसानी से बदला नहीं जा सकता.

सॉफ्टवुड पल्प की कमी का असर

पल्प, लकड़ी के चिप्स से निकाला जाता है. यदि कनाडाई लकड़ी पर टैरिफ के कारण सॉमिल बंद हो जाते हैं, तो पल्प का उत्पादन भी कम होगा. इससे टॉयलेट पेपर बनाने वाली कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति में कमी आ सकती है. अगर लकड़ी पर 50% से अधिक आयात शुल्क लगाया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे:

  • सॉमिल बंद होने का खतरा: ब्रायन मैक्क्ले (TTOBMA के चेयरमैन) के अनुसार, ‘इससे कुछ सॉमिल बंद हो जाएंगे, जिससे लकड़ी के चिप्स की आपूर्ति कम हो जाएगी.’ जीन-फ्रांस्वा सैमरे (क्यूबेक फॉरेस्ट इंडस्ट्री काउंसिल के प्रमुख) ने कहा कि सॉमिल या तो पूरी क्षमता पर चलते हैं या बंद हो जाते हैं – इन्हें आसानी से एडजस्ट नहीं किया जा सकता.
  • मांग और आपूर्ति पर असर: सॉफ्टवुड सेक्टर एक प्रतिस्पर्धी बाजार में काम करता है. टैरिफ के कारण उत्पादन घटेगा, जिससे मूल्य वृद्धि होगी. अमेरिका पहले से ही कनाडाई लकड़ी पर 14% से अधिक शुल्क लगा रहा है. इस साल यह 27% तक बढ़ सकता है. अगर 25% का अतिरिक्त शुल्क लगता है, तो कुल टैरिफ 52% तक पहुंच जाएगा.
  • राष्ट्रीय सुरक्षा जांच का जोखिम: ट्रंप ने लकड़ी के आयात से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों की जांच शुरू की है. इसके परिणामस्वरूप और अधिक टैरिफ लग सकते हैं.

ट्रंप का टैरिफ वॉर: क्या होगा असर?

ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी चीन के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ा था. अब उनकी नई टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है: टॉयलेट पेपर समेत कई उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं. ट्रंप का दावा है कि टैरिफ से अमेरिकी उद्योगों को फायदा होगा, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि कनाडाई पल्प का कोई विकल्प नहीं है. 2 अप्रैल को ट्रंप ने इस दिन को ‘मुक्ति दिवस’ घोषित किया है, जब वे विदेशी व्यापार घाटे को कम करने के लिए नई नीतियां पेश करेंगे.

homeworld

टॉयलेट पेपर तक के लिए तरसेगा US! ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से बढ़ने वाली है महंगाई

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -