रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर)। बॉर्डर क्षेत्र में सेम की समस्या से किसानों की उपजाऊ जमीने बंजर होने के कगार पर हैं। किसानों के अनुसार बीते वर्षों में भूजल स्तर प्रतिदिन बढता जा रहा है, जिसमें सोना उगलने वाली जमीनें बंजर बनती जा रही है। वहीं रिहायशी मकान भी खंडहर होते जा रहे हैं। बार्डर क्षेत्र के गांव 22 पीटीडी, 25 पीटीडी 26 पीटीडी क्षेत्र में सैकडों बीघा भूमि सेम प्रभावित है।
टिब्बी तहसील के आधा दर्जन गांवों की हैक्टेयर कृषि भूमि सेम की चपेट में है। वहीं लखाहाकम, खाटां, पीएस क्षेत्र के सीमावर्ती एरिया में भू-जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस क्षेत्र के गांवों की हालत यह है कि मात्र 2 से 3 फीट गड्ढा खोदने पर ही पानी निकल आता है, जिसके चलते कृषि भूमि के भाव दिन प्रतिदिन गिरते जा रहे हैं।
क्यों बढ़ रहा है भू-जलस्तर
जानकारों की मानें तो बॉर्डर पार पाकिस्तान में सादकी नहर कच्चा होना सेम का मुख्य कारण माना जा रहा है, जिससे पानी के रिसाव के चलते जमीनें लवणीय होकर अनुपजाऊ होती जा रही हैं। यहां के किसानों का कहना है कि यही हाल रहा तो उन्हें मजबूरन जमीनें छोड़कर पलायन करना पड़ेगा। हालांकि एक दशक पुरानी समस्या को लेकर वैज्ञानिक सर्वेक्षण भी किया जा चुका है। सर्वे रिपोर्ट के बाद कोई काम नहीं हुआ जिससे सेम की समस्या से छुटकारा मिल सके।
सेम की समस्या के चलते किसान पलायन करने पर मजबूर हैं। सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाया तो जमीनें बेकार हो जाएगी।
सुनील कुमार, किसान, 26 पीटीडी, रायसिंहनगर।
सेम की समस्या के चलते जमीनों के खरीद व विक्रय में गिरावट आ गई है। सेम की समस्या के चलते लोग जमीनें खरीदने से कतरा रहे हैं।
आईदान, प्रोपर्टी एडवाइजर, गांव खाटां।
सेमग्रस्त भूमि का सर्वेक्षण कर कलक्टर के माध्यम से सरकार को भिजवाया गया है। आगे की कार्रवाई राज्य स्तर पर ही होनी है।
हरबंस सिंह, सहायक कृषि निदेशक, रायसिंहनगर।
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS