₹100 का इंजेक्शन वसूले हजार, अब बिल के नाम पर मनमानी नहीं चलेगी

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₹100 का इंजेक्शन वसूले हजार, अब बिल के नाम पर मनमानी नहीं चलेगी

Last Updated:March 25, 2025, 09:09 ISTअस्पतालों के महंगे बिलों की लगातार शिकायतों के बीच केंद्र सरकार जल्द ही एक स्टैंडर्ड हॉस्पिटल बिल फॉर्म जारी करेगी, जो अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक केंद्रों सहित सभी डायग्नोस्टिक ​सेंटर्स पर लागू होगा…और पढ़ेंहाइलाइट्ससरकार जल्द स्टैंडर्ड हॉस्पिटल बिल फॉर्म जारी करेगी.इससे अस्पतालों की बिलिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी.मरीजों को सभी चार्जेस का डिटेल में ब्यौरा मिलेगा.नई दिल्ली. देश का हर आदमी अस्पताल के भारी-भरकम बिल और मेडिकल खर्चों से हमेशा टेंशन में रहता है, लेकिन अब यह चिंता दूर होने वाली है. क्योंकि, केंद्र सरकार जल्द ही एक स्टैंडर्ड हॉस्पिटल बिल फॉर्म जारी करेगी, जो अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक केंद्रों सहित सभी डायग्नोस्टिक ​सेंटर्स पर लागू होगा. इस नए फॉर्मेट के तहत उन्हें मरीज द्वारा वहन किए जाने वाले सभी चार्जेस का स्पष्ट और डिटेल ब्यौरा देना होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा तैयार किए जा रहे मसौदे को अंतिम मंजूरी मिल जाती है, तो इससे अस्पताल में किफायती इलाज और ज्यादा उपभोक्ता केंद्रित होने की संभावना है. सभी स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर बिलिंग प्रोसेस को स्टैंडर्डराइज करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह प्रोसेस पिछले साल से शुरू हुई थी.

सलाह के बाद सरकार कर रही काम

हेल्थकेयर सर्विस इंडस्ट्री, मरीजों की वकालत करने वाले समूह और अन्य हितधारकों के परामर्श से बीआईएस, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस स्टैंडर्ड फॉर्मेट पर काम कर रहे हैं, जिससे रोगियों को सभी जरूरी मेडिकल सामग्री, सेवाओं, सुविधाओं आदि के लिए डिटेल विवरण हासिल करने में मदद मिलेगी.

मसौदे में क्या प्रावधान होंगे

मसौदे में देश भर में अस्पताल और हेल्थकेयर सेंटर द्वारा जारी किए जाने वाले बिलों में शामिल किए जाने वाले अनिवार्य और वैकल्पिक तत्वों को भी निर्धारित किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, अस्पताल बिलिंग के लिए एक स्टैंडर्डराइज फॉर्मेट अनिवार्य हो गया है. उन्होंने कहा. “सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में बिलिंग प्रारूपों को मानकीकृत करने का उद्देश्य एकरूपता को बढ़ावा देना और बिलिंग सिस्टम में विसंगतियों को कम करना है.”

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने भी देश के सभी प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिकल प्रतिष्ठानों द्वारा विभिन्न तरह के इलाज और मेडिकल प्रोसेस के लिए वसूले जाने वाले शुल्क की सीमा निर्धारित करने में स्पष्ट रूप से विफल रहने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 25, 2025, 09:09 ISThomebusiness₹100 का इंजेक्शन वसूले हजार, अब बिल के नाम पर मनमानी नहीं चलेगी

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