भारत की इकोनॉमी में पिछले दस सालों में करीब 100 पर्सेंट की ग्रोथ हुई. इस साल के अंत तक भारत का ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी 4.27 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जो इंडियन करेंसी में 3.6 लाख करोड़ रुपये बैठती है. इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) ने ये भविष्यवाणी की है.
रिपोर्ट में 2015 से अब तक 10 सालों का डेटा दिया गया और बताया कि किस तरह इंडियन इकोनॉमी सिर्फ दस सालों में दोगुनी हो गई है. जहां 2015 में भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की लिस्ट में दसवें नंबर था और अब पांचवें पर है. बहुत जल्द वह चौथे नंबर पर आ जाएगा और तीन सालों तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन जाएगा. साल 2015 में भारतीय जीडीपी 1.8 लाख करोड़ रुपये (2.1 ट्रिलियन डॉलर) थी. आईएमएफ ने कहा कि इस साल भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 पर्सेंट रहने का अनुमान है, जो अर्थव्यवस्था के मजबूत और स्थिर विस्तार के संकेत देता है.
जानें क्या हैं वो फेक्टर्स जिनसे 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था में आया 100 पर्सेंट का उछाल-
बैंक ऑफ बडोदरा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनविस ने बताया कि एग्रीकल्चर, बिजनेस में विस्तार, इनवेस्टमेंट और रोजगार में बढ़ोतरी और बिजनेस के लिए मेक इन इंडिया, पीएलआई, टैक्स रेजीम, एमएसएमई लोन जैसी सुविधाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मदद की है.
उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अनियमित जलवायु परिस्थितियों के बावजूद दस सालों में कृषि अच्छी हुई, जिसने ग्रामीणों की आय को स्थिर रखा. दूसरा उन्होंने कहा कि बिजनेस के विस्तार, निवेश, रोजगार और विवीधीकरण में इंडिया इंक ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे इंडस्ट्रियल सेक्टर को मजबूती मिली. कई इंडस्ट्री ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा भी हैं.
इन सबके साथ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी से निचले तबके के लोगों को सीधे तौर पर लाभ मिला, जिससे उनके लिविंग स्टैंडर्ड में सुधार हुआ. उपभोग सर्वेक्षण डेटा से ये बातें सामने आई हैं. वहीं, डिजीटलाइजेशन से लेनदेन में पारदर्शिता आई और जीएसटी एक बड़ी उपलब्धि साबित हुआ है, जिससे पारदर्शिता और ज्यादा बढ़ गई.
Crisil के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी का कहना है कि बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के जोर देने से भारतीय अर्थव्यवस्था में इतना बड़ा उछाल देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने से कर अनुपालन बढ़ा, जिससे सरकार को रेवेन्यू का लाभ हुआ और बुनियादी ढांचे पर बजटीय खर्च को सक्षम बनाने में मदद मिली.
डीबीएस बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा कि दस सालों में रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन पर काफी खर्च किया गया, सरकार के साथ-साथ परिवारों का भी इस पर फोकस रहा, जिसने इंडियन इकोनॉमी को बड़ा फायदा दिया.
कब तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत?
इस वक्त भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पांचवें नंबर पर आता है, पहले पर अमेरिका है, दूसरे पर चीन, तीसरे जर्मनी, जबकि चौथे पर जापान है. 10 सालों में 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी ग्रोथ देखें तो भारत ने सबसे लंबी छलांग लगाई है. वहीं, 4 टॉप इकोनॉमी की बात करें तो अमेरिका, चीन और जर्मनी की अच्छी ग्रोथ हुई, लेकिन जापान की जीडीपी ग्रोथ कम हुई है. आईएमएफ की अक्टूबर, 2024 की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका 65.8 पर्सेंट, चीन 75.8 पर्सेंट और जर्मनी 43.7 पर्सेंट जीडीपी ग्रोथ पर है, जबकि 10 साल में जापान की इकोनॉमी सिर्फ 1.3 पर्सेंट ही बढ़ी.
आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि 2025 और 2026 में भारत की इकोनॉमी 6.5 पर्सेंट की दर से वृद्धि करेगी. इस ग्रोथ रेट के साथ भारत 2026 में चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा और 2028 में जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे नंबर पर आ जाएगा. जापान और जर्मनी की जीडीपी की तुलना में इंडियन जीडीपी में थोड़ा ही अंतर है. जापान 4.4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और जर्मनी 4.9 ट्रिलियन डॉलर, जबकि भारत की जीडीपी 4.3 ट्रिलियन डॉलर है.
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