Last Updated:March 26, 2025, 21:40 IST
Pakistan News: आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान पर एक और मुसीबत आन पड़ी है. अमेरिका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को ऐसा जख्म दिया है, जिसे वह जल्दी भुला नहीं सकेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है. इससे प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की मुश्किलें बढ़नी तय हैं.
वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसलों से कई देशों को टेंशन दे रहे हैं. अब उन्होंने चीन और पाकिस्तान को झटका दिया है. अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने 70 से अधिक कंपनियों को व्यापार प्रतिबंध सूची में डाल दिया है. इनमें चीन, पाकिस्तान, यूएई सहित कई देशों की कंपनियां शामिल हैं. अमेरिका इस फैसले की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा को कारण बता रहा है. वाशिंगटन उन कंपनियों को टारगेट कर रहा है जो चीन, रूस और ईरान के हथियार कार्यक्रमों में मदद कर रही है. अमेरिकी पाबंदियों की वजह से पाकिस्तानी कंपनियों के लिए इंटरनेशनल ट्रेड करना मुश्किल हो जाएगा.
पाकिस्तान के लिए यह पाबंदियां किसी सदमे से कम नहीं है. देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें महंगाई, पाकिस्तान करंसी का गिरता मूल्य और कम विदेशी मुद्रा भंडार शामिल हैं. देश में खाद्यान्न, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो रही है, जिससे आम नागरिकों की आजीविका प्रभावित हो रही है. पाकिस्तानी रुपया प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है, जिससे मुद्रास्फीति का दबाव और बढ़ रहा है.
गंभीर आर्थिक संकट
पाकिस्तान की आर्थिक संकट से उबरने में नाकाम रहने का एक कारण देश में राजनीतिक अस्थिरता, अलगाववादी आंदोलन और आतंकवादी हमले हैं. देश के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में अलगाववादी आवाजें जोर पकड़ रही हैं. बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे चरमपंथी संगठन सीधे सरकार को चुनौती दे रहे हैं. बलूचिस्तान के साथ ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत भी आतंकी हिसा गढ़ बनता जा रहा है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे संगठन लगातार सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं.
लोन की कोशिश
पाकिस्तान अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों से लोन सहित बाहरी वित्तपोषण पर बहुत अधिक निर्भर है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जलवायु परिवर्तन को कम करने और उससे निपटने के लिए देश के प्रयासों का समर्थन करने के लिए 28 महीने की अवधि के लिए 1.3 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज के लिए पाकिस्तान के साथ समझौता किया है. यह नया समझौता चल रहे 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम की पहली समीक्षा पर एक समझौते के साथ हुआ है.
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