Last Updated:March 26, 2025, 14:00 IST
US Secret Leak: अमेरिका में यमन के हूती विद्रोहियों से जुड़े चैट ग्रुप में संवेदनशील जानकारी लीक होने पर विवाद बढ़ गया है. गलती से एक पत्रकार को जोड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने जिम्मेदारी ली…और पढ़ें
बाएं से दाएं- माइक वाल्ट्ज, डोनाल्ड ट्रंप और पीट हेगसेथ. (Reuters)
हाइलाइट्स
- अमेरिका में संवेदनशील जानकारी लीक पर विवाद बढ़ा
- NSA माइक वाल्ट्ज ने लीक की जिम्मेदारी ली
- ट्रंप ने लीक को मामूली चूक बताया
वॉशिंगटन: अमेरिका में यमन के हूती विद्रोहियों से जुड़े चैट ग्रुप में सीक्रेट जानकारी लीक करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस ग्रुप में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने गलती से एक पत्रकार को जोड़ दिया था. इस लापरवाही की रिपोर्ट जब सामने आई तो अमेरिका में बवाल मच गया. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मामले को तवज्जों नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह उनके प्रशासन की ‘दो महीनों में एकमात्र गड़बड़ी’ है. ट्रंप के इस बयान के बावजूद अब माइक वाल्ट्ज ने इस पूरे लीक से जुड़ी जिम्मेदारी ली है. वाल्ट्ज ने गलती से द अटलांटिक पत्रिका के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को यमन में अमेरिकी हमले से पहले एक ग्रुप में जोड़ दिया था. इस ग्रुप में 18 वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हमले के प्लान पर चर्चा कर रहे थे. अब खुद वाल्ट्ज ने इसे शर्मनाक माना है.
फॉक्स न्यूज के साथ बात करते हुए मंगलवार को वाल्ट्ज ने कहा, ‘हां ये शर्मनाक है. हम इसकी तह तक जाएंगे. मैं अभी एलन मस्क से बात कर रहा था. हमारे पास सबसे बेहतरीन तकनीकी लोग इसकी जांच कर रहे हैं कि ये कैसे हुआ. लेकिन मैं सौ फीसदी कह सकता हूं कि मैं इस शख्स (जेफरी गोल्डबर्ग) को नहीं जानता. मुझे उसके बारे में पता है. वह पत्रकारों का सबसे नीचे दर्जे का इंसान है. मुझे सिर्फ इतना पता है कि वह राष्ट्रपति से नफरत करता है, लेकिन मैं उसे मैसेज नहीं करता.’
क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?
डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने अत्यधिक संवेदनशील जानकारी के लीक होने के लिए ट्रंप प्रशासन की आलोचना की है. ट्रंप ने एनबीसी न्यूज से कहा कि यह चूक ‘गंभीर नहीं है.’ उन्होंने माइक वाल्ट्ज के प्रति समर्थन जताया. ट्रंप ने कहा, ‘माइकल वाल्ट्ज ने सबक सीख लिया है और वह एक अच्छे इंसान हैं.’ उन्होंने गोल्डबर्ग को इस ग्रुप में शामिल करने के लिए वाल्ट्ज के एक अनाम सहयोगी को भी दोषी बताया. उन्होंने कहा, ‘यह व्यक्ति माइकल का परिचित था. एक कर्मचारी के पास उसका नंबर था.’
रक्षामंत्री बने बलि का बकरा!
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ टॉप राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी इस पूरे लीक में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को बलि का बकरा बना रहे हैं. उन्होंने इस ग्रुप में क्लासीफाइड जानकारी भेजने का आरोप लगाया. सीनेट की इंटेलिजेंस कमेटी की सुनवाई के दौरान, CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने सख्त सवाल किए. दोनों अधिकारियों ने लगातार इस बात से इनकार किया कि चैट में क्लासीफाइड जानकारी शेयर की गई.
गबार्ड ने अपनी गवाही में कहा, ‘उस चैट ग्रुप में कभी भी कोई क्लासीफाइड या खुफिया जानकारी शामिल नहीं थी.’ मंगलवार की सुनवाई के दौरान रैटक्लिफ भी दावों को नकारने में अड़े रहे. हालांकि, जब हेगसेथ की ओर से कथित तौर पर भेजे गए संवेदनशील जानकारियों के डिटेल के बारे में पूछा गया, तो दोनों अधिकारियों ने रक्षामंत्री को इससे जुड़ा अधिकार होने की बात कहकर जवाब नहीं दिया. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक रैटक्लिफ ने कहा, ‘जैसा कि मैंने बताया कि हमले के पैकेज या टार्गेट से जुड़ी सूचना या रक्षा मंत्रालय से जुड़ी चीजों के बारे में जो दावे और आरोप हैं उनका जवाब रक्षामंत्री ही दे सकते हैं. वही बता सकते हैं कि कोई जानकारी क्लासीफाइड है या नहीं और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री ने कहा है कि कोई जानकारी क्लासीफाइड नहीं थी.’
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