संजय राउत ने औरंगजेब की कब्र को

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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज). औरंगजेब कब्र विवाद के बीच सोशल मीडिया यूजर्स शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के एक वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान औरंगजेब और अफजल खान की कब्र को कथित तौर पर “शौर्य का प्रतीक” बताया.  सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो क्लिप को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना पर निशाना साध रहे हैं.

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया. वायरल वीडियो क्लिप संजय राउत के मीडिया से बातचीत का है, लेकिन इसमें उन्होंने औरंगजेब की कब्र को नहीं, बल्कि इसे (औरंगजेब की कब्र की मौजूदगी को) शिवाजी और मराठाओं की बहादुरी के शौर्य का प्रतीक बताया.

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Santosh Singh Rajput’ ने वायरल वीडियो क्लिप (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “औरंगज़ेब और अफ़ज़ल ख़ान की कब्र महाराष्ट्र में…शौर्य का प्रतीक है- सस्ता चाणक्य..महाभारत में शकुनि ने पूरे कौरव वंश के सर्वनाश की क़सम ली थी. आज लगता है संजय राउत में ठाकरे परिवार की राजनीति खत्म करने की शपथ ली हुई है.

औरंगजेब का नाम लेकर राजनीति करने वालों को याद रखना चाहिए—यह शिवराय की धरती है, यहाँ हिंदुत्व की लहर थी, है, और रहेगी! जो मुगलों की विरासत बचाने में लगे हैं, जनता उन्हें राजनीति से मिटाने में देर नहीं करेगी!”

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान दावे के साथ शेयर किया है.

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भेजा गया क्लेम।

साथ ही सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान संदर्भ में शेयर किया है.

पड़ताल

जांच की शुरुआत करते हुए हमने वायरल वीडियो क्लिप को ध्यान से सुना और इसे सुनकर यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने औरंगजेब की कब्र का महिमामंडन नहीं किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकार के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राउत कहते हैं, “…..नहीं लोगों की कोई भूमिका नहीं है और एकनाथ शिंदे की भी कोई भूमिका नहीं है . ये अमित शाह की भूमिका है…एकनाथ शिंदे जी की क्या भूमिका हो सकती है उसमें? कल तक तो तीन साल तक हमारे साथ रहे उनको मालूम है क्या भूमिका है?

इसके बाद वह कहते हैं, “… शौर्य का प्रतीक है…शौर्य का प्रतीक कभी टूटना नहीं चाहिए. ये हमारी भूमिका है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से इतना बड़ा युद्ध किया है…मराठाओं ने…छत्रपति जी की मृत्यु के बाद भी पचीस साल औरंगजेब महाराष्ट्र में लड़ता रहा, लेकिन विजय नहीं प्राप्त कर सके और वहां उनकी कब्र. ये आने वाली पीढ़ियों को इतिहास दिखना चाहिए . चाहे अफजल खान की कब्र हो या चाहे औरंगजेब की कब्र  हो ….अगर इतिहास को समझने को तैयार नहीं तो इतिहास के शत्रु हैं…दुश्मन हैं इतिहास के.”

साफ और स्पष्ट है कि उन्होंने औरंगजेब की कब्र को शौर्य का प्रतीक नहीं बताया, बल्कि उन्होंने औरंगजेब की कब्र को मराठाओं की बहादुरी का प्रतीक बताया.

औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने के विवाद के बीच संजय राउत ने कब्र को हटाए जाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इसे इस लिहाज से नहीं हटाया जाना चाहिए, क्योंकि यह शिवाजी की बहादुरी का प्रतीक है.

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट समेत कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका समान संदर्भ में जिक्र है.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय राउत ने औरंगजेब की कब्र को मराठाओं के “शौर्य का प्रतीक”  बताया.

हमारी जांच से स्पष्ट है कि संजय राउत ने औरंगजेब की कब्र को “शौर्य का प्रतीक” नहीं, कब्र की मौजूदगी को मराठाओं की बहादुरी का प्रतीक बताया.

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे से संपर्क किया. वायरल दावे का खंडन करते हुए उन्होंने बताया कि संजय राउत ने औरंगजेब की कब्र का महिमामंडन नहीं किया, बल्कि उन्होंने मराठाओं की बहादुरी और शौर्य का महिमामंडन किया. उन्होंने बताया, “संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में यह कहा कि औरंग्या (औरंगजेब) की जो कब्र है, वह शिवाजी महाराज के शौर्य का प्रतीक है.”

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनर में औरंगजेब की कब्र स्थित है और इसे हटाए जाने की मांग को लेकर राजनीतिक विवाद की स्थिति बनी हुई है. न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में इस विवाद को लेकर नागपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस समेत कई लोग घायल हो गए.

नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बयान देते हुए इसे “पूर्व नियोजित हिंसा” करार दिया.

वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 20 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं.

निष्कर्ष: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने के विवाद के बीच सोशल मीडिया पर किया जा रहा यह दावा फेक और सियासी दुष्प्रचार है कि शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने औरंगजेब की कब्र को “शौर्य का प्रतीक” बताया. उन्होंने औरंगजेब की कब्र को बनाए रखने का समर्थन करते हुए कहा कि यह शिवाजी और मराठाओं की बहादुरी और शौर्य का प्रतीक है,  जिसे आने वाली पीढ़ियों को दिखाए जाने की जरूरत है.

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट Shakti Collective के पार्ट के तहत पहले vishvasnew पर छपी थी. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]

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